
जल्द ही सभी वाहनों के लिए लागू होगा ईंधन खपत मानक, सरकार ने रखा प्रस्ताव
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने विभिन्न श्रेणियों के हल्के, मध्यम एवं भारी मोटर वाहनों के लिए अप्रैल 2023 से ईंधन खपत मानकों (FCS) का अनुपालन अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा है।
इसका मकसद देश में प्रदूषण घटाने और ईंधन की कम खपत करने वाले वाहनों को बढ़ावा देना है।
इससे पहले केवल M1 श्रेणी के वाहनों के लिए FCS का अनुपालन अनिवार्य था।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान के जरिए यह जानकारी दी है।
नियम
क्या होगा नया नियम?
केंद्रीय मोटर वाहन नियमों के नियम 115 G में संशोधन का यह प्रस्ताव रखा गया है।
नया नियम M2, M3, N2 और N3 केटेगरी से संबंधित वाहनों को शामिल करने की अनुमति देगा। इन्हें या तो स्थानीय रूप से निर्मित या आयात किया जा सकता है।
इससे पहले केवल नौ सीटों (चालक और आठ यात्रियों) वाले वाहनों और 3,500 किलोग्राम से अधिक वजन वाले वाहनों को FSC मानकों को पूरा करना पड़ता था।
बयान
बयान में कही गई है यह बात
बयान के अनुसार, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने विभिन्न श्रेणी के हल्के, मध्यम और भारी वाहनों द्वारा ईंधन खपत मानकों का अनुपालन शुरू करने के लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 115 G में संशोधन किया है।
सुरक्षा
अक्टूबर से छह एयरबैग के साथ आएंगी सारी गाड़ियां
साल की शुरुआत में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक नए सुरक्षा नियम की जानकारी दी थी, जिसमें आठ सीटर गाड़ियों में कम से कम छह एयरबैग लगाना जरूरी हो जाएगा। नया नियम इस साल के अक्टूबर महीने से लागू होने वाला है।
हालांकि, कुछ वाहन निर्माता इस नियम के खिलाफ हैं। मारुति सुजुकी भी उनमें से एक है और इस वजह से कंपनी अपनी चुनिंदा छोटी गाड़ियों का उत्पादन बंद कर सकती है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कार कंपनियों को नसीहत देते हुए कहा कि वे दोहरा मापदंड न अपनाएं।
उन्होंने कहा, "बहुत कार कंपनियां विदेश में तो सुरक्षा मानकों का ख्याल रखती हैं, लेकिन भारत में लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ करती हैं। कुछ कंपनियां भारत में ऐसी कारें बना रही हैं, जो ज्यादा सुरक्षित नहीं हैं, लेकिन वे उसी मॉडल को विदेशी बाजारों में अधिक सेफ्टी फीचर्स के साथ बेच रही हैं।"