यह नदी उगल रही है शुद्ध सोना, अमीर बनने पहुंचते हैं लोग
अक्सर आपने सुना होगा कि नदी के आस-पास रहने वाले लोगों का जीवन कठिनाइयों भरा होता है और नदी से मिलने वाले पत्थरों और जड़ी-बूटियों से जीवनयापन करते हैं। यह सुनने में थोड़ा अजीब है लेकिन दुनिया में एक ऐसी नदी है जिसके पानी में सोना बहता है और सोने को बेच कर कई लोग अमीर बन चुके हैं। यह कनाडा की क्लोनडाइक नदी है जिसमें पानी के साथ सोना बहता है। आइए जानें इसके बारे में।
कहां बहती है सोने की यह नदी?
कनाडा का डाॅसन शहर क्लोनडाइक नदी के किनारे बसा हुआ है। जिसमें बहता सोना पाया जाता है। इस शहर में कम ही लोग रहते हैं। कहा जाता है कि इस नदी के नीचे सोना बिछा हुआ है। जिसकी जानकारी 1896 में जाॅर्ज कार्मेक, डाॅसन सिटी चार्ली और स्कूकम जिम मेसन ने दी थीं। डाॅसन शहर की खूबसूरती देखने के लिए हर साल लाखों लोग यहां पहुंचते हैं और इनमें से कुछ अमीर बनने की चाह में यहीं रुक जाते हैं।
कैसे तैयार किया जाता है सोना?
क्लोनडाइक नदी से सोना निकालने के लिए बहते पानी को रेत के साथ बरतनाें में इकट्ठा किया जाता है। फिर इसे कई बार छानने के बाद छोटे-छोटे बर्तनों मेंं बर्फ की तरह जमाया जाता है। इसके बाद बर्फ से निकलने वाले सोने के टुकड़ों को अलग करते हैं। ये टुकड़े मोतीनुमा, पतले छिलके के रूप में, गुच्छे के समान आदि होते हैं, लेकिन इन्हें निकालने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है।
सोने की तलाश में पहुंचते हैं लोग
नदी से सोना हासिल करने वालों के लिए यहां कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। कुछ लोग यहां आकर जमीन का कुछ हिस्सा खरीद लेते हैं और खुदाई करना शुरू कर देते हैं। इस तरह खुदाई के दाैरान मिलने वाले सोने के मालिक बन जाते हैं। लोग इस सोने के व्यवसाय के लिए मशीनों से खुदाई करवाते हैं। बता दे कि इस समय चाय के एक चम्मच के बराबर का सोना लगभग 92,599 रुपये के हिसाब से बिक रहा है।
डाॅने मिशेल लोगों काे सिखा रहीं सोना खोजना
डाॅने मिशेल को सोना खोजने के काम में हिस्सा लेने वाली महिला के नाम से जाना जाता है। जब मिशेल को एक यात्रा के दाैरान नदी से सोना मिलने की जानकारी मिली। उसके बाद उन्होंने खुद सोना खोजने का फैसला लिया। उन्होंने पहली बार 1981 में खदान में काम करना शुरू किया। बाद में उन्होंने दूसरे लोगों को यह काम सिखाया। इसी दाैरान सन 1984 में डाॅनस सिटी वुमेन्स वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ गोल्ड प्रतियोगिता को जीता।
मिशेल ने पुरुषों को मनवाया लोहा
मिशेल ने खुद को कभी कमजोर नहीं समझा। उन्होंने यूकाॅन ओपन गोल्ड पैनिंग प्रतियोगिता में पुरुषों के साथ मुकाबला किया और खिताब जीतने वाली पहली महिला बनीं। अपने काम में माहिर होने के कारण कई सालों तक प्रतियोगिताओं में भाग लेती रहीं। कुछ समय बाद खदान में काम करने वाली महिला मजदूरों की मुखिया बनीं। वर्तमान में वह जैक लंदन म्यूजियम में काम कर रही हैं। उसका मानना है कि सोने की खुदाई का काम लंबे समय तक चलेगा।