बाहरी देशों में हिजाब और बुर्के को लेकर क्या नियम हैं?
कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनकर कॉलेज आने पर खड़ा हुआ विवाद बढ़ता ही जा रहा है। स्थिति इतनी विकट हो गई है कि राज्य सरकार को स्कूल-कॉलेजों को तीन दिन के लिए बंद करना पड़ा है। ये पहली बार नहीं है जब किसी देश में हिजाब, नकाब या बुर्के को लेकर विवाद खड़ा हुआ है और कुछ देशों में तो इन पर प्रतिबंध भी लगाया जा चुका है। आइए ऐसे ही कुछ देशों के बारे में जानते हैं।
हिजाब, नकाब और बुर्का में क्या अंतर है?
सबसे पहले ये जानते हैं कि हिजाब, नकाब और बुर्का में क्या अंतर है। जहां हिजाब में केवल गर्दन और सिर को ढका जाता है और चेहरा दिखता है, वहीं नकाब और बुर्के में पूरे शरीर को ढका जाता है। नकाब और बुर्के में भी अंतर है। नकाब में चेहरा तो ढका होता है, लेकिन आंखों के सामने कुछ नहीं होता और आखें दिखती हैं। बुर्के में आंखें भी नहीं दिखतीं और इनके सामने एक जालीदार कपड़ा होता है।
फ्रांस ने सबसे पहले लगाया प्रतिबंध, हुआ था बड़ा विवाद
हालिया दशकों में यूरोप से बुर्के और नकाब पर प्रतिबंध की बहस की शुरूआत हुई और फ्रांस ने इस पर सबसे पहले अमल किया। निकोलस सरकोजी के कार्यकाल में 2010-11 में फ्रांस में कानून के जरिए चेहरे को ढकने वाली इस्लामिक पोशाकों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया। इस कानून के दायरे में नकाब और बुर्का तो आता है, लेकिन हिजाब नहीं आता। इस मामले पर देश में बहुत बड़ा विवाद भी हुआ था।
बेल्जियम और UK में भी बुर्के और नकाब पर प्रतिबंध
फ्रांस के बाद बेल्जियम ने भी उसके नक्शेकदम पर चलते हुए नकाब और बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया। इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर देश में सात साल की सजा और आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है। यूनाइटेड किंगडम (UK) में स्कूलों और अस्पतालों में चेहरों को ढकने पर प्रतिबंध है, यानि इन जगहों पर नकाब और बुर्का नहीं पहना जा सकता। हिजाब पर यहां भी प्रतिबंध नहीं है क्योंकि इसमें चेहरा दिखता है।
अन्य यूरोपीय देशों की क्या स्थिति?
नीदरलैंड में चेहरे को नकाब से ढकने पर प्रतिबंध है और ऐसा करने पर लगभग 13,000 रुपये का जुर्माना लगता है। यहां बुर्का और हिजाब पर भी प्रतिबंध है। जर्मनी में भी स्कूल के छात्रों और सरकारी कर्मचारियों के नकाब और बुर्का पहनने पर प्रतिबंध है। स्वीडन में स्कूलों में चेहरे को ढकने वाले कपड़ों पर कानूनी प्रतिबंध है। स्विट्जरलैंड ने भी पिछले साल नकाब पर प्रतिबंध लगा दिया था। डेनमार्क, बुल्गारिया और ऑस्ट्रिया में भी ऐसे ही नियम हैं।
मुस्लिम देशों में क्या स्थिति?
ज्यादातर मुस्लिम देशों में हिजाब, नकाब या बुर्का पहनने पर कोई पाबंदी नहीं है। अफगानिस्तान और ईरान में तो हिजाब पहनना अनिवार्य भी है। मिस्र में कोई कानून तो नहीं है, लेकिन 1979 की ईरानी क्रांति के बाद हिजाब का चलन बढ़ा है। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी हिजाब, नकाब और बुर्का को अनिवार्य बनाने वालाा या इन पर प्रतिबंध लगाने वाला कोई नियम नहीं है और महिलाएं अपनी मर्जी से कुछ भी पहन सकती हैं।
भारत में क्या कहता है संविधान?
भारतीय संविधान में व्यक्तिगत स्वतंत्रता के तहत लोगों को अपने कपड़े खुद चुनने की आजादी दी गई है। हालांकि इस पर शालीनता और सार्वजनिक नैतिकता के रूप में दो पाबंदियां भी हैं। इसका मतलब जब तक आप शालीनता और सार्वजनिक नैतिकता का उल्लंघन नहीं कर रहे, आप कुछ भी पहन सकते हैं। हालांकि संविधान में इन दोनों शब्दों की परिभाषा तय नहीं की गई है और इसका कोई भी अपने हिसाब से मतलब निकाल सकता है।