#NewsBytesExplainer: क्या है साइफर मामला, जिसमें पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मिली सजा?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को मंगलवार को इस्लामाबाद की एक विशेष कोर्ट ने साइफर मामले में 10-10 साल जेल की सजा सुनाई। कोर्ट ने इमरान और शाह दोनों को गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक करने का दोषी पाया है और उन्हें गोपनीयता अधिनियम के तहत सजा सुनाई गई। पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने मामले में चार्जशीट दायर की थी। आइए विस्तार से जानते हैं कि ये साइफर मामला क्या है।
सबसे पहले जानें क्या होता है साइफर
सीधे शब्दों में समझे तो साइफर का मतलब 2 देशों के बीच गोपनीय राजनयिक बातचीत से है। ये किसी देश के दूतावास की तरफ से स्वदेश के साथ वाला वो संवाद है, जिसमें मेजबान देश के राजनयिक या अधिकारियों के बीच की बातचीत का पूरा ब्योरा होता है। साइफर कोड में लिखा होता है, जिसे डिकोड करके अनुवाद किया जाता है। इसकी मूल प्रति विदेश में स्थित दूतावास में रखी जाती है और इसे सार्वजनिक करना अपराध है।
साइफर मामले में कैसे फंसे इमरान?
मार्च, 2022 में पाकिस्तान के फैजाबाद की रैली में एक पर्ची निकाल कर इमरान ने दावा किया था कि उनको एक साइफर मिला है, जिसमें उनकी सरकार को गिराने की कोशिश के पीछे अमेरिकी साजिश का पता चला है। इस बीच अप्रैल, 2022 में सच में ही इमरान की सरकार गिर गई। तब इमरान ने इस साइफर को लेकर अमेरिका के खिलाफ जमकर मोर्चा खोला और एक अमेरिकी राजनयिक पर पाकिस्तानी राजनयिक को धमकाने का आरोप भी लगाया।
साइफर में क्या बातचीत थी?
साइफर में अमेरिकी राजदूत डॉनल्ड लू और वाशिंगटन में पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद के बीच की बातचीत है। इसे अगस्त, 2023 में सार्वजनिक किया गया। डॉनल्ड ने असद से कहा था कि यूक्रेन पर पाकिस्तान के रुख से अमेरिका नाराज है और जब रूस ने यूक्रेन पर हमले किया, तब इमरान रूस के राजकीय दौरे पर थे, जो गलत है। उन्होंने कहा कि अगर इमरान की सरकार गिरा दी जाए तो अमेरिका पाकिस्तान को माफ कर देगा।
कब मामले ने पकड़ा तूल?
जुलाई, 2023 में शहबाज शरीफ की सरकार ने इमरान पर गुप्त दस्तावेज को सावर्जनिक करने का आरोप लगाया। तत्कालीन सरकार में मंत्री सनाउल्लाह ने कहा कि इमरान द्वारा गुप्त दस्तावेज के दुरुपयोग ने पाकिस्तान के विदेशी संबंधों को नुकसान पहुंचाया। अगस्त में FIA ने इमरान के खिलाफ FIR दर्ज की और जांच के बाद इमरान और शाह को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद अक्टूबर में दोनों को विशेष कोर्ट ने पहली बार दोषी ठहराया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में क्या कहा?
इमरान और शाह ने विशेष कोर्ट में खुद को निर्दोष बताया और आरोपों से इनकार कर दिया। इस बीच 13 दिसंबर, 2023 को मामले में दोनों को दूसरी बार दोषी ठहराया गया। 22 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की जमानत को मंजूरी दे दी और कोर्ट को नए सिरे सुनवाई करने का आदेश दिया। हालांकि, अन्य मामले में इमरान जेल में ही बंद रहे, जबकि शाह को जमानत के बाद एक अन्य मामले में गिरफ्तार कर लिया गया।
इमराने के पूर्व सहयोगियों ने क्या कहा?
18 जनवरी, 2024 को कोर्ट के आदेश पर विशेष कोर्ट ने इमरान के सहयोगी पूर्व प्रमुख सचिव आजम खान समेत 5 गवाहों के बयान नए सिरे से दर्ज किए। आजम ने दावा किया कि 2022 के बाद कथित साइफर कभी प्रधानमंत्री कार्यालय में वापस नहीं आया और उन्होंने इस संबंध में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान, उनके सैन्य सचिव और संबंधित कर्मचारियों को कई बार सूचित किया था। इने आरोपों की पुष्टि के बाद कोर्ट ने इमरान और शाह को सजा सुनाई।
न्यूजबाइट्स प्लस
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री इमरान तोशाखाना मामले में अभी जेल में बंद हैं। अगस्त, 2023 को इस्लामाबाद कोर्ट ने उन्हें 3 साल की कैद की सजा सुनाई थी। इसके अलावा कोर्ट ने उनके 5 साल तक चुनाव लड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। उनके खिलाफ मई, 2022 में पाकिस्तान में हिंसा भड़काने समेत कई केस भी दर्ज हैं। इनमें से अधिकांश में चार्जशीट दाखिल नहीं हुई है। इस बीच आगामी 8 फरवरी को पाकिस्तान में आम चुनाव होने हैं।