#NewsBytesExplainer: मुंबई में जनवरी के महीने में भी गर्मी क्यों पड़ रही है?
क्या है खबर?
दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में जनवरी की शुरुआत से ही सर्दी अपने चरम पर है। इसके विपरीत 12 जनवरी को मुंबई में अधिकतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो पिछले 7 सालों में जनवरी में दर्ज किया गया अधिकतम तापमान है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, इससे पहले 2017 में मुंबई में तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा था।
आइए जानते हैं कि जनवरी के महीने में भी मुंबई आखिर क्यों तप रही है।
तापमान
क्यों जनवरी में बढ़ रहा मुंबई का तापमान?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जनवरी में मुंबई में नम दक्षिण-पूर्वी हवाओं का प्रवाह हो रहा है। इस वजह से पिछले एक हफ्ते से मुंबई के तापमान में वृद्धि हो रही है और मौसम उमस भरा है।
IMD मुंबई की वैज्ञानिक सुषमा नायर ने कहा कि आमतौर पर सर्दियों में शुष्क उत्तरी हवाओं के चलने से मुंबई के तापमान में गिरावट होती है, लेकिन नम दक्षिण-पूर्वी हवाएं मुंबई के तापमान को बढ़ा रही हैं।
मुंबई
नम दक्षिण-पूर्वी हवाएं चलने के पीछे क्या कारण है?
स्काईमेट वेदर सर्विसेज के अनुसार, एंटी-साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण मुंबई में नम दक्षिण-पूर्वी हवाएं चल रही हैं। जैसे ही यह चक्र ठीक होगा तो उत्तरी हवाएं चलने लगेंगी और मुंबई के तापमान में गिरावट आनी शुरू हो जाएगी।
इसके अलावा जनवरी में पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति भी मुंबई में तापमान को बढ़ा रही है। पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति के कारण ही उत्तरी हिमालयी राज्यों में इस बार बर्फबारी नहीं हो रही है।
अल नीनो
क्या अल नीनो प्रभाव से बढ़ रहा है तापमान?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जनवरी में मुंबई के तापमान में बढ़ोतरी का एक प्रमुख कारण अल नीनो प्रभाव भी है।
उन्होंने कहा कि जब भी अल नीनो होता है तो सर्दियां गर्म होती हैं, जबकि गर्मियों में भीषण गर्मी पड़ती है।
अल नीनो का चक्र 2023 में शुरू हुआ था और इसका अगला चक्र तापमान को और भी बढ़ाएगा।
उन्होंने कहा कि यह इस मौसम में तापमान बढ़ने का एक मुख्य कारक हो सकता है।
जानकारी
पहले कब देखा गया था अल नीनो प्रभाव?
अल नीनो प्रभाव 2 से 7 साल के बीच देखा जाता है और इससे तापमान बढ़ जाता है। 2016 में भी अल नीनो का प्रभाव देखा गया था और 2023 से पहले यह सबसे गर्म साल रहा था।
मुंबई
मुंबई में तापमान बढ़ने के पीछे और क्या कारण हैं?
IIT बॉम्बे में जलवायु अध्ययन के प्रोफेसर रघु मुर्तुगुड्डे ने कहा कि मुंबई के साथ-साथ उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में तापमान में बढ़ोतरी की मुख्य वजह उत्तरी अरब सागर से चल रही गर्म हवाएं भी हैं।
उन्होंने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण मध्य-पूर्व और भूमध्य सागर में समुद्र-स्तर पर निम्न दबाव बना हुआ है, जिसके कारण दक्षिण-पश्चिमी गर्म हवाओं को अरब सागर अपनी तरफ खींच रहा है। इसकी वजह से उत्तरी अरब सागर से गर्म हवाएं चल रही हैं।
तापमान
क्या तापमान में गिरावट होगी?
मौसम वैज्ञानिकों ने मुंबई के तापमान में मामूली गिरावट का संकेत दिया है, लेकिन कम से कम अगले कुछ दिनों तक अधिकतम तापमान 32 से 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।
IMD के अनुसार, अगले 4-5 दिनों के दौरान कोंकण-गोवा, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा क्षेत्र में अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे गिरावट आएगी।
अगले 5 दिनों तक महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में न्यूनतम और अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा।
न्यूजबाइट्स प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
अल नीनो एक तरह की मौसमी घटना है, जिसकी वजह से मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्री सतह का पानी सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हो जाता है।
इसके चलते पूर्व से पश्चिम की ओर बहने वाली हवाएं कमजोर पड़ती हैं और गर्म पानी पूर्व यानी अमेरिका के पश्चिमी तट की ओर जाने लगता है। साल 1600 में पहली बार इस प्रभाव को देखा गया था।