अमेरिकी राष्ट्रपति उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने किया H-1B वीजा प्रणाली का विरोध, जानें क्या कहा
क्या है खबर?
अमेरिका के राष्ट्रपति पद के भारतीय मूल के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी ने H-1B वीजा प्रणाली को लेकर बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में सत्ता हासिल करने पर वीजा के लिए मौजूदा लॉटरी आधारित सिस्टम को खत्म करने का वादा किया है।
रामास्वामी ने आगे कहा कि वह राष्ट्रपति बनते हैं तो वह H-1B वीजा के लिए मेरिटोक्रेटिक एंट्री (योग्यता के आधार पर आवेदन करने की प्रक्रिया) शुरू करेंगे।
बयान
गिरमिटिया का रूप है H-1B वीजा- रामास्वामी
विवेक रामास्वामी ने अमेरिकी वेबसाइट पोलिटिको से कहा, "H-1B वीजा हर उस शख्स के लिए बुरा है जो इसका इस्तेमाल कर रहा है। लॉटरी सिस्टम को बदलकर मेरिटोक्रेटिक सिस्टम से बदलने की जरूरत है।"
उन्होंने आगे कहा, "यह वीजा गिरमिटिया का ही एक रूप है जो सिर्फ उस कंपनी को लाभ पहुंचाता है जिसने H-1बी अप्रवासी को प्रायोजित किया था। जो लोग परिवार के सदस्यों के रूप में आते हैं, वे योग्यताधारी अप्रवासी नहीं हैं।"
उपयोग
खुद H-1B वीजा प्रणाली का इस्तेमाल कर चुके हैं रामास्वामी
विवेक रामास्वामी खुद अपनी फार्मास्यूटिकल कंपनी रोइवेंट साइंसेज के लिए उच्च-कुशल पेशेवरों को नियुक्त करने के लिए 29 बार H-1B वीजा प्रणाली का इस्तेमाल कर चुके हैं।
रोइवंत साइंसेज ने 2018 से 2023 तक अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं के लिए H-1B वीजा के तहत कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए आवेदनों को मंजूरी दी थी।
बता दें कि रामास्वामी ने पिछले साल कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के पद से इस्तीफा दे दिया था।
वीजा
क्या होता है H-1B वीजा?
H-1B वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा होता है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां दक्ष कर्मचारियों को अपने यहां नौकरियां देती हैं। हर साल अमेरिकी कंपनियां इसी वीजा के सहारे भारत और चीन समेत कई देशों से हजारों पेशेवरों को नौकरी पर रखती हैं।
H-1B वीजा 3 साल के लिए जारी किया जाता है और इसे अगले 3 साल के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है। भारत से H-1B वीजा पर सबसे ज्यादा लोग TCS, इंफोसिस जैसी कंपनियों में काम करने जाते हैं।
परिचय
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
रामास्वामी का जन्म अमेरिका के ओहियो प्रांत के सिनसिनाटी शहर में हुआ था और उनकी पढ़ाई हार्वर्ड और येल यूनिवर्सिटी से हुई है।
रामास्वामी अमेरिका में एक सफल बोयोटेक उद्यमी हैं और उन्होंने 2014 में रोइवेंट साइंसेज की स्थापना की थी।
उन्होंने फरवरी में रिपब्लिकन पार्टी से अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में शामिल होने का ऐलान किया था। रामास्वामी संयुक्त राष्ट्र (UN) में अमेरिका की राजदूत रह चुकी निक्की हेली के बाद भारतीय मूल के दूसरे उम्मीदवार हैं।