
अमेरिका के बाद अब इजरायल ने किया ईरान के फोर्दो परमाणु स्थल पर हमला- रिपोर्ट
क्या है खबर?
इजरायल ने सोमवार को ईरान के फोर्दो परमाणु स्थल पर दोबारा से हमला किया है। यह ईरान का भूमिगत परमाणु केंद्र है। ईरानी समाचार एजेंसी तस्नीम ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है। बता दें कि इससे पहले रविवार तड़के अमेरिका ने भी ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर हमला किया था, जिसमें फोर्दो भी शामिल था। ऐसे में इजरायल के दोबारा हमला करने से स्थिति और भी ज्यादा तनावपूर्ण हो गई है। आइए पूरी खबर जानते हैं।
हमला
हमले में कितना हुआ है नुकसान?
समाचार एजेंसी ने कोम प्रांत में संकट प्रबंधन प्राधिकरण के प्रवक्ता के हवाले से बताया कि इजरायल ने फोर्दो परमाणु स्थल पर फिर से हमला किया है। हालांकि, घटनास्थल पर हुए नुकसान के बारे में तत्काल कोई जानकारी नहीं मिल सकी। इसी तरह, उत्तरी तेहरान में भी जोरदार धमाके सुनाई दे रहे हैं। इधर, इजरायल के रक्षा मंत्री काट्ज ने कहा, "इजरायल मध्य तेहरान में निर्धारित किए लक्ष्यों पर अभूतपूर्व तीव्रता के साथ हमला कर रहा है।"
राहत
हमले के बाद भी कोई बड़ा नुकसान नहीं
ईरानी अधिकारियों ने समाचार एजेंसी तस्नीम को बताया कि इजरायल की ओर से फोर्दो पर परमाणु स्थल पर किए गए नए हमले के बावजूद आस-पास के निवासियों के लिए कोई बड़ा खतरा नहीं है। इसी तरह परमाणु सविधा केंद्र को भी ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। इधर, इजरायली सेना द्वारा ईरानी मिसाइल हमलों की चेतावनी दिए जाने के बाद यरुशलम में भी विस्फोटों की आवाज सुनी गई है। हालांकि नुकसान का पता नहीं चला है।
दावा
अमेरिकी हमले में फोर्दो ठिकाने पर बड़े नुकसान की आशंका- IAEA
संयुक्त राष्ट्र (UN) की परमाणु निगरानी संस्था अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि अमेरिका के हवाई हमले के बाद फोर्दो में ईरान के भूमिगत परमाणु संयंत्र को भारी क्षति होने की आशंका है। ग्रॉसी ने कहा कि अमेरिका की ओर इस्तेमाल किए गए विस्फोटक पेलोड और सेंट्रीफ्यूज की अत्यधिक कंपन संवेदनशील प्रकृति को देखते हुए बहुत क्षति होने की उम्मीद है। हालांकि, नुकसान का पूर्ण आंकलन नहीं किया जा सकता है।
अहमीयत
ईरान के लिए कितना अहम है फोर्दो परमाणु केंद्र?
नतांज के बाद फोर्दो ईरान का दूसरा प्रमुख परमाणु संवर्धन केंद्र है। यह तेहरान से 95 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में एक पहाड़ के किनारे बनाया गया है। इसका निर्माण 2006 के आसपास शुरू हुआ था और 2009 में चालू हुआ। उसी वर्ष तेहरान ने सार्वजनिक रूप से इसके अस्तित्व को स्वीकार किया था। यह जगह चट्टान और मिट्टी के नीचे लगभग 80 मीटर गहराई पर स्थित है। यह सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों द्वारा भी सुरक्षित है।
हमला
अमेरिका ने फोर्दो सहित 3 ठिकानों पर किया था हमला
अमेरिका ने 22 जून को ईरान में फोर्दो समेत 3 परमाणु ठिकानों पर हमला किया था। इनमें नतांज और इस्फहान थी शामिल है। हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमलों से तीनों परमाणु सुविधाएं पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। अब ईरान को शांति कायम करनी चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे। हालांकि, ईरान ने इस हमले में परमाणु सुविधाओं को मामूली नुकसान की बात कही है।