पन्नू हत्या साजिश: भारतीय अधिकारियों के शामिल होने की रिपोर्ट पर अमेरिका बोला- चिंताएं उठा रहे
क्या है खबर?
अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या करने की साजिश में भारतीय खुफिया अधिकारियों के शामिल होने की अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुख्य प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि अमेरिका मामले की जांच के लिए भारत के साथ मिलकर काम कर रहा है और भारत सरकार से जवाबदेही की उम्मीद करता है।
इससे पहले कल मंगलवार को भारत ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए अप्रमाणित बताया था।
मामला
क्या है मामला?
पिछले साल अमेरिका ने आरोप लगाया था कि भारतीय नागरिकों ने उसकी धरती पर एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या करने की साजिश रची थी, जिसे नाकाम कर दिया गया।
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह अलगाववादी नेता और कोई नहीं बल्कि गुरपतवंत सिंह पन्नू था।
मामले में अमेरिका ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की है। आरोप है कि गुप्ता ने भारतीय अधिकारी "CC-1" के कहने पर पन्नू को मारने की सुपारी दी थी।
दावा
नई मीडिया रिपोर्ट में क्या कहा गया?
द वाशिंगटन पोस्ट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में CC-1 की पहचान भारतीय खुफिया एजेंसी अनुसंधान और विश्लेषण विंग (RAW) के अधिकारी विक्रम यादव के तौर पर की है।
उसने दोनों देशों के मौजूदा और पूर्व खुफिया अधिकारियों के हवाले से यह दावा किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का आंकलन है कि पन्नू के खिलाफ साजिश को तत्कालीन RAW प्रमुख समंत गोयल ने अनुमति दी थी और शायद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल को इसकी जानकारी थी।
बयान
अमेरिका बोला- भारत सरकार के सामने उठाते रहेंगे अपनी चिंताएं
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम भारतीय जांच समिति के काम के नतीजों के आधार पर भारत सरकार से जवाबदेही की उम्मीद करते हैं। हम नियमित रूप से उनके साथ काम कर रहे हैं और अतिरिक्त अपडेट के लिए पूछताछ कर रहे हैं। हम अपनी चिंताओं को वरिष्ठ स्तर पर सीधे भारत सरकार के समक्ष उठाना जारी रखेंगे, लेकिन इससे आगे मैं इस पर विस्तार से चर्चा नहीं करूंगा।"
भारत
भारत ने रिपोर्ट को बताया था गैरजिम्मेदाराना और अप्रमाणित
इससे पहले मंगलवार को भारत ने भी इस रिपोर्ट को खारिज किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस रिपोर्ट का कड़े शब्दों में खंडन करते हुए इसे अनुचित और अप्रमाणित बताया।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति मामले की जांच कर रही है और यह गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी जांच में सहायता करने वाली नहीं है।
अमेरिका के आरोप लगाने के बाद भारत ने जांच के लिए उच्च स्तरीय गठित की थी।