
बांग्लादेश तुर्की की मदद से बनाएगा हथियार, भारत के लिए क्या है चिंता की बात?
क्या है खबर?
भारत के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की मदद करने वाले तुर्की ने भारत के एक और पड़ोसी के साथ अहम समझौता किया है। बांग्लादेश तुर्की की मदद से चटगांव और नारायणगंज में रक्षा औद्योचगिक परिसरों के निर्माण के लिए बातचीत कर रहा है।
बांग्लादेश के औद्योगिक विकास प्राधिकरण (BIDA) के कार्यकारी अध्यक्ष चौधरी आशिक महमूद बिन हारुन ने हाल ही में तुर्की की 5 दिवसीय यात्रा की थी। इसी दौरान दोनों देशों के बीच अहम समझौता हुआ है।
दौरा
चौधरी ने किया तुर्की की अहम रक्षा कंपनी का दौरा
चौधरी आशिक ने तुर्की की राज्य-स्वामित्व वाली कंपनी मकीने वे किम्या एंडिस्ट्रिसी (MKE) का दौरा किया और रक्षा तकनीकी हस्तांतरण, संयुक्त उत्पादन और औद्योगिक क्षमता निर्माण जैसे विषयों पर चर्चा की।
यात्रा के दौरान चौधरी आशिक और उनके प्रतिनिधिमंडल को MKE की उत्पादन इकाइयों, परीक्षण स्थलों और हथियार प्रणालियों की जानकारी दी गई।
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिनिधिमंडल को कुछ संवेदनशील क्षेत्रों तक भी 'विशेष पहुंच' दी गई, जो आमतौर पर विदेशी प्रतिनिधियों को नहीं मिलती।
समझौता
दोनों देशों में जल्द हो सकता है समझौता
रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों देश जल्द ही रक्षा औद्योगिक कार्य समूह को संस्थागत रूप देने वाले हैं। दोनों उत्पादन समझौते के लिए MoU पर बातचीत शुरू कर रहे हैं।
बांग्लादेश और तुर्की एक औपचारिक रक्षा कार्य समूह बनाने और रणनीतिक समझौते पर बातचीत के लिए तैयार हैं, जो नीति निर्माण, योजना और क्रियान्वयन की निगरानी करेगा।
रक्षा उत्पादन सहयोग को बढ़ावा देने के लिए BIDA ने चटगांव और नारायणगंज में विशेष रक्षा औद्योगिक क्लस्टर स्थापित करने की योजना बनाई है।
पूर्व समझौते
पहले भी MKE के साथ समझौते कर चुका है बांग्लादेश
बांग्लादेश ने MKE के साथ इससे पहले भी हथियारों की खरीद को लेकर समझौते किए हैं। बांग्लादेश ने MKE बोरान 105 मिलीमीटर होवित्जर तोप की 18 यूनिट खरीदी थीं। भविष्य में इसकी 200 यूनिट खरीदे जाने की योजना है।
इसके अलावा बांग्लादेश तुर्की निर्मित ओटोकर तुलपर लाइट टैंक खरीदने की संभावना तलाश रहा है, जो हल्का बख्तरबंद टैंक है।
2018 में तुर्की से बांग्लादेश ने बायरकतर TB2 ड्रोन, छोटे हथियार समेत 15 सैन्य हार्डवेयर की खरीद की थी।
भारत
भारत के लिए क्या है चिंता की बात?
बांग्लादेश से शेख हसीना के तख्तापलट के बाद भारत से संबंधों में तनाव आया है। वहां की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद युनूस ने चीन के साथ नजदीकी बढ़ाई है, जिससे भारत के साथ संबंधों में खटास आई है।
वहीं, तुर्की कश्मीर मामले पर हमेशा पाकिस्तान के साथ रहा है। हाल ही में भारत-पाकिस्तान तनाव के दौरान भी तुर्की ने पाकिस्तान का साथ दिया था। उसने पाकिस्तान को अपने ड्रोन और अन्य हथियार मुहैया कराए थे।