
पहलगाम हमले से पहले ISI की दिल्ली दहलाने की थी साजिश, ऐसे हुई नाकाम
क्या है खबर?
पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम से पहले दिल्ली में बड़े आतंकी हमले की साजिश रची थी, जिसे 3 महीने के गुप्त अभियान में नाकाम कर दिया गया।
यह खुलासा पाकिस्तानी एजेंट अंसारुल मियां अंसारी की दिल्ली के एक होटल से गिरफ्तारी के बाद हुआ।
वह नेपाल के रास्ते पाकिस्तान से भारत में घुसा था और दोबारा पाकिस्तान जाने की फिराक में था।
इसके अलावा एक अन्य जासूस को झारखंड के रांची से पकड़ा गया।
आतंक
जनवरी से मार्च तक चले अभियान में पकड़े गए दोनों जासूस
अंसारी नेपाली मूल का पाकिस्तानी एजेंट है, जो कतर में कैब ड्राइवर था। उसकी मुलाकात ISI हैंडलर से हुई, जो उसे पाकिस्तान लाया और वहां ब्रेनवॉश किया।
उसे भारत भेजने से पहले ISI ने प्रशिक्षित किया था।
केंद्रीय एजेंसियों और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की संयुक्त टीम ने जनवरी से मार्च 2025 के बीच चले एक अत्यधिक गोपनीय अभियान में अंसारी को पकड़ा था।
अंसारी के कबूलनामे के बाद अखलाक आजम को रांची से गिरफ्तार किया गया।
जांच
सौंपा गया था सैन्य दस्तावेज भेजने का काम
पूछताछ के दौरान, अंसारी ने ISI के जासूसी नेटवर्क की जानकारी दी और बताया कि उसे सैन्य दस्तावेज हासिल कर पाकिस्तान भेजने का काम सौंपा गया था।
वहीं, आजम को संवेदनशील जानकारियां भेजने में अंसारी की मदद करनी थी। आजम ने सेना के दस्तावेज एकत्र करने और उन्हें आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई।
अंसारी से बरामद दस्तावेजों की फोरेंसिक जांच में भारतीय सशस्त्र बलों से संबंधित संवेदनशील सामग्री की पुष्टि हुई है। उसके पास आपत्तिजनक डिजिटल साक्ष्य भी थे।
जांच
कैसे अंजाम दिया गुप्त ऑपरेशन?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय एजेंसियों को जनवरी में पता चला था कि ISI ने जासूसों को संवेदनशील जानकारी और तस्वीरों के लिए भेजा है।
इसके बाद सूचना मिली की आतंकी दिल्ली में बड़ा हमला कर सकते हैं। इसके बाद अभियान को तेज कर दिया गया।
फरवरी तक मामले में कोई प्रगति नहीं हुई, लेकिन 15 फरवरी को अंसारी की गिरफ्तारी के बाद राज खुला। वह उसी दिन नेपाल के रास्ते पाकिस्तान जाने की फिराक में था।
सबूत
पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों पर भी शक
अंसारी और आजम को तिहाड़ में विशेष निगरानी में रखा गया है, ताकि वे किसी अन्य कैदी का ब्रेनवॉश न करें। उनके फोन से पाकिस्तानी अधिकारियों की बातचीत के रिकॉर्ड मिले हैं।
केंद्रीय एजेंसियों ने मामले में नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के कुछ अधिकारियों पर भी संदेह जताया है।
ISI अधिकारी मुजम्मिल और एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश, जो भारतीय यूट्यूबर्स और सोशल मीडिया प्रभावितों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे, भी इस योजना में शामिल थे ।
जानकारी
22 अप्रैल को हुआ था पहलगाम आतंकी हमला
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 पर्यटकों को गोली मार दी थी, जिसके बाद भारतीय सेना ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त कर दिए थे। इसके बाद तनाव बढ़ गया था।