तीन अमेरिकी अर्थशास्त्रियों को मिला अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार, जानिए किस शोध के लिए बने विजेता
अमेरिका के तीन अर्थशास्त्रियों को इस साल के अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है। इन अर्थशास्त्रियों में अमेरिका की फेडरल रिजर्व बैंक के पूर्व प्रमुख बेन एस बर्नांके, डगलस डायमंड और फिलिप डायबविग शामिल हैं। आर्थिक संकट के समय बैंकों की अहमियत से संबंधित शोध के लिए उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा गया है। नोबेल समिति के अनुसार, उनके शोध से ये समझ आया कि वित्तीय संकट के समय बैंकों को पतन से बचाना क्यों महत्वपूर्ण है।
तीन अर्थशास्त्रियों ने अपने शोध में क्या कहा है?
बर्नांके, डायमंड और डायबविग का कार्य वित्तीय संकट के समय अर्थव्यवस्था में बैंकों की भूमिका को समझने पर केंद्रित है और इसमें बताया गया है कि संकट के दौरान बैंकों को पतन से बचाना क्यों महत्वपूर्ण है। उनके अनुसार, अगर बैंकों को न बचाया जाए तो संकट बढ़ सकते हैं, वहीं इन्हें बचाकर 1929 की महामंदी जैसे आर्थिक संकटों को दूर रखा जा सकता है। उन्होंने कहा था कि बैंकों को बचाने से पूरे समाज को फायदा होता है।
2008 की मंदी और महामारी से पैदा हुए संकट से निपटने में शोध की अहम भूमिका
बर्नांके, डायमंड और डायबविग की शोध कितनी महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2008 की मंदी और हालिया कोरोना वायरस महामारी जैसे आर्थिक संकटों से निपटने के लिए दुनियाभर की सरकारों और केंद्रीक बैंकों ने उनके शोध के आधार पर कदम उठाए थे। 2008 और 2009 में सरकारों ने बैंकों को बचाने के लिए बेलआउट पैकेज दिेए थे। तब इन कदमों की आलोचना हुई, लेकिन इन्होंने संकट को बड़ा होने से रोका।
इस साल के सभी नोबेल पुरस्कारों का ऐलान हुआ, किस क्षेत्र में किसे मिला
इस साल चिकित्सा के क्षेत्र में स्वीडन के आनुवंशिकीविद स्वांते पाबो, फिजिक्स के क्षेत्र में एलेन आस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटन जेलिंगर, केमिस्ट्री के क्षेत्र में कैरोलिन आर बेट्रोजी, के बेरी शार्पलेस और मोर्टन मेल्डेल, साहित्य के क्षेत्र में फ्रांस की एनी एरनॉक्स और शांति के क्षेत्र में बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की, रूस के मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज को नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है।
क्या हैं नोबेल पुरस्कार?
नोबेल पुरस्कार स्वीडन के वैज्ञानिक और बारूद के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की याद में दिए जाते हैं। इन पुरस्कारों से उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने मानव जाति को फायदा पहुंचाया हो। शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। रवीन्द्रनाथ टैगोर, मदर टेरेसा, अमर्त्य सेन, कैलाश सत्यार्थी, चंद्रशेखर वेकंटरमन, अभिजीत बनर्जी और हरगोविंद खुराना आदि ऐसे भारतीय और भारतीय मूल के लोग हैं, जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिले हैं।
मूल नोबेल पुरस्कार नहीं है अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार, 1969 में हुई शुरूआत
गौरतलब है कि अर्थशास्त्र का पुरस्कार मूल नोबेल पुरस्कार नहीं है और अन्य क्षेत्रों के नोबेल पुरस्कारों के विपरीत इसका अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में कोई जिक्र नहीं है। स्वीडन का केंद्रीय बैंक नोबेल की याद में यह पुरस्कार देता है और इसकी शुरूआत 1969 में हुई थी। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले शख्स को लगभग नौ लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 7.40 करोड़ रुपये) नकद दिए जाते हैं। 10 दिसंबर को विजेताओं को ये पुरस्कार दिया जाएगा।