
टेस्ला की FSD को भारत में नहीं मिली मंजूरी, विकसित हो रही नई तकनीक
क्या है खबर?
टेस्ला ने मॉडल Y के लॉन्च के साथ भारतीय बाजार में दस्तक दे दी है। इसके लिए बुकिंग भी खोल दी गई है। इस गाड़ी के साथ कंपनी की लोकप्रिय फुल सेल्फ ड्राइविंग (FSD) तकनीक को ऐड-ऑन के रूप में पेश किया है, जिसके लिए 6 लाख रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे। भारत में अभी तक इस तकनीक को अनुमति नहीं मिलने के कारण टेस्ला मॉडल Y के मालिक इसकी कीमत चुकाने के बाद भी इसका उपयोग नहीं कर सकेंगे।
तैयारी
भारतीय परिस्थितियों के हिसाब से विकसित हो रही तकनीक
टेस्ला पिछले 2 सालों से दुनिया की सबसे ज्यादा बिकने वाली कार मॉडल Y भारत में FSD को सपोर्ट करेगी, लेकिन अभी नहीं। ACKO ड्राइव की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की एक इंजीनियरिंग टीम पिछले 4 सालों से भारतीय ड्राइविंग और सड़क परिस्थितियों के लिए सॉफ्टवेयर तकनीक विकसित करने पर काम कर रही है। फिलहाल यहां आंशिक ऑटोनॉमस ऑटोपायलट सुविधा प्रदान की जाएगी, जिसमें लेन डिपार्चर अवॉइडेंस जैसी ऑटोनॉमस ड्राइविंग L2 सुविधाएं शामिल होंगी।
जोखिम
भारत में इन तकनीकों से ज्यादा है जोखिम
ऑटोपायलट और FSD दोनों ही टेस्ला के लिए प्रमुख आकर्षण रहे हैं, लेकिन इन्होंने विवादों को भी जन्म दिया है। अमेरिका में इनके चलते टेस्ला कारें दुर्घटनाग्रस्त हुईं। दावे के विपरीत दोनों फीचर्स के बावजूद कार चलाते समय चालक की निगरानी की जरूरत पड़ती है। भारत में सड़क दुर्घटनाओं में मौतों के आंकड़ों को देखते हुए कंपनी यहां किसी तरह का जोखिम मोल नहीं लेना चाहती। इसलिए, यहां ऑटोनॉमस या असिस्टेंस ड्राइविंग की पेशकश में सावधानी बरत रही है।