अमेरिका और यूरोप में बढ़ रहे सिफिल्स के मामले, जानिए क्या है यह बीमारी
अमेरिका और यूरोप में पिछले कुछ दिनों से यौन संचारित संक्रमण (सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन) के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसमें कॉन्जेनिटल सिफिल्स नामक संक्रमण प्रमुख रूप से फैल रहा है। अमेरिकी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2020 की तुलना में 2021 में इसके 26 प्रतिशत अधिक मामले सामने आए हैं। यूनाइटेड किंगडम (UK) की बात करें तो सिफिल्स की चिंता में यहां व्यस्क फिल्मों के सितारों ने काम बंद कर दिया है।
क्या है कॉन्जेनिटल सिफिल्स?
कॉन्जेनिटल सिफिल्स गर्भ में भ्रूण को संक्रमित कर सकता है। अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो यह शिशुओं में दोष पैदा कर सकता है या उनकी जान भी ले सकता है। राहत की बात यह है कि इसका इलाज संभव है। हालांकि, इसके लिए इसकी पहचान जरूरी है। अगर ठीक समय पर पहचान के बाद इसका इलाज नहीं होता है तो यह बेहद खतरनाक हो सकता है।
सिफिल्स के लक्षण क्या हैं?
सिफिल्स की पहचान कर पाना थोड़ा मुश्किल है। इसके शुरुआती चरण में कुछ लोगों के मुंह और जननांगों में छाले हो सकते हैं। हालांकि, ये त्वचा के अंदर होते हैं इसलिए इन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता। इनमें दर्द नहीं होता और कई बार ये अपने आप ठीक हो जाते हैं। ऐसे में लोग इन्हें गंभीरता से नहीं लेते और इलाज की तरफ ध्यान नहीं देते। हालांकि, कुछ हफ्तों या महीनों बाद ये दोबारा अपना रूप दिखाने लगते हैं।
शुरुआती दो चरणों में बेहद संक्रामक होता है सिफिल्स
सिफिल्स से संक्रमित लोगों में कुछ हफ्तों या महीनों बाद मुंह, जननांगों और पैरों के तलवों में कई छाले होने लगते हैं। ये सोरायसिस, हर्प्स और एक्जिमा जैसे दिखते हैं। पहले दो चरणों के दौरान सिफिल्स बेहद संक्रामक होता है और यह किस करने या यौन संबंध बनाने से दूसरे लोगों में फैल सकता है। कुछ समय बाद ये छाले ठीक हो जाते हैं, लेकिन व्यक्ति संक्रमण से पूरी तरह ठीक नहीं हो पाता।
दिल और दिमाग को नुकसान पहुंचा सकता है सिफिल्स
अगर संक्रमण का इलाज न किया जाए तो यह आगे चलकर नर्वस सिस्टम, दिमाग और दिल को नुकसान पहुंचा सकता है। अगर ऐसा होता है तो नजर, श्रवण शक्ति का चले जाना और मनोभ्रम जैसे गंभीर लक्षण नजर आने लगते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कई लोगों में इतना नुकसान होने के बाद सिफिल्स का पता चलता है। भले ही समय के साथ लक्षण न दिखे, लेकिन यह शरीर के अंदर रहकर लगातार नुकसान पहुंचाता रहता है।
क्या होते हैं नुकसान?
गर्भवती महिलाओं के लिए सिफिल्स की जांच करवाना जरूरी है। कॉन्जेनिटल सिफिक्स गर्भपात, समय से पहले जन्म, जन्म के समय शिशु का वजन कम होना और पैदा होते ही बच्चे की मौत का कारण बन सकता है। कुछ मामलों में अगर बच्चे जिंदा रह जाते हैं तो उन्हें मानसिक और अन्य शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जन्म के समय बच्चों में कॉन्जेनिटल सिफिल्स के लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन कुछ समय बाद उनमें लक्षण दिख सकते हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं इसके मामले?
अमेरिका में साल 2000 तक सिफिल्स के मामले घट रहे थे, लेकिन उसके बाद से लगातार इनमें बढ़ोतरी देखी जा रही है। जानकार इसके पीछे स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश की कमी से लेकर सेक्स को लेकर जारी भ्रांतियों तक को जिम्मेदारी मानते हैं। उनका कहना है कि जिन जगहों पर इसके टेस्ट होते हैं, वहां सुविधाएं नहीं होती और महामारी के बाद से हालात बदतर हुए हैं। कई चीजें सही नहीं हो रही है, जिस कारण मामले बढ़े हैं।
और क्या कारण हैं?
कई जानकारों का कहना है कि स्वास्थ्यकर्मी सेक्स और सेक्सुअलिटी से जुड़ी चीजों को गहराई से नहीं देखते हैं और महत्वपूर्ण संकेत नजरअंदाज कर देते हैं। कंडोम का कम इस्तेमाल और बढ़ती ऑनलाइन डेटिंग को भी वो मामले बढ़ने की वजह मानते हैं।