कोरोना वायरस: किन देशों में शुरू हो चुका है वैक्सीनेशन अभियान और अभी वहां क्या स्थिति?
भारत मे शनिवार को कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान का आगाज हो गया है और पहले दिन लगभग दो लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई। देश में सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जा रही है। भारत की तरह दुनिया के करीब तीन दर्जन देशों में भी वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है और लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। आइए आपको बताते हैं कि दुनिया के प्रमुख देशों के कोरोना वैक्सीनेशन की क्या स्थिति है।
रूस में सबसे पहले शुरू हुआ वैक्सीनेशन, लेकिन रफ्तार धीमी
पूरी दुनिया में सबसे पहले रूस में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी और रुसी सरकार ने 7 दिसंबर को गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित 'स्पूतनिक-V' वैक्सीन के साथ वैक्सीनेशन अभियान की शुरूआत कर दी थी। हालांकि यहां वैक्सीनेशन की रफ्तार बहुत धीमी है और अभी तक 14.44 करोड़ की आबादी में से महज आठ लाख लोगों को वैक्सीन लगी है। देश में सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को वैक्सीन दी जा रही है।
UK में 37 लाख को लगी वैक्सीन
यूनाइटेड किंगडम (UK) कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू करने वाला दूसरा देश था। UK सरकार ने सबसे पहले फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी और 8 दिसंबर को 90 वर्षीय महिला को वैक्सीन लगाकर अभियान की शुरुआत की गई। यहां भी पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को वैक्सीन दी जा रही है और अब तक 6.66 करोड़ की आबादी में से 37 लाख लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है।
अमेरिका में 1.28 करोड़ लोगों लगाई जा चुकी है वैक्सीन
कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन की शुरुआत करने वाला अमेरिका तीसरा देश था और यहां फाइजर और मॉर्डना की दो वैक्सीनों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी जा चुकी है। देश में अलग-अलग राज्य अपनी प्राथमिकता के आधार पर चयनित लोगों को वैक्सीन लगा रहे हैं और अब तक 32.82 करोड़ की आबादी में से 1.28 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। हालांकि वैक्सीनेशन के बाद भी यहां मामलों में तेजी बनी हुई है।
चीन में एक करोड़ लोगों को लगाई जा चुकी है वैक्सीन
कोरोना महामारी के जनक देश चीन में पिछले 24 दिसंबर को स्वदेशी कंपनी सिनोवैक और सिनोफार्मा द्वारा विकसित वैक्सीनों के साथ वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया था और यहां भी स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जा रही है। दुनिया की सबसे अधिक (139.77 करोड़) आबादी वाले चीन में अब तक एक करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। हालांकि ये दोनों ही वैक्सीनें अभी अंतिम चरण के क्लिनिकल ट्रायल में चल रही है।
इटली में आठ लाख लोगों को लगाई गई वैक्सीन
कोरोना महामारी की शुरुआत में सबसे ज्यादा प्रभावित रहे इटली में 27 दिसंबर को फाइजर की वैक्सीन के साथ वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की गई थी और यहां भी स्वास्थ्यकर्मियों और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जा रही है। 6.04 करोड़ की आबादी वाले इस देश में अब तक आठ लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। वैक्सीन की समय पर आपूर्ति नहीं होने के कारण देश में वैक्सीनेशन अभियान की रफ्तार धीमी पड़ी हुई है।
लोगों के रुचि नहीं दिखाने के कारण फ्रांस में धीमा वैक्सीनेशन
फ्रांस में फाइजर की वैक्सीन के साथ 27 दिसंबर को वैक्सीनेशन अभियान शुरू किया गया था, लेकिन यहां के 54 प्रतिशत लोग सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन ही लेने के पक्ष में हैं। ऐसे में यहां वैक्सीनेशन की रफ्तार बहुत धीमी है। फ्रांसीसी सरकार लोगों में जागरुकता के लिए अभियान भी चला रही है, इसके बावजूद 6.71 करोड़ की आबादी वाले इस देश में अब तक महज 2,47,167 लोगों को ही वैक्सीन लगाई जा सकी है।
जर्मनी और स्पेन में इतने लोगों को लग चुकी है वैक्सीन
एक अन्य यूरोपीय देश जर्मनी में 27 दिसंबर को फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन के साथ वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की गई थी। देश में वैक्सीनेशन में तो तेजी दिखाई जा रही है, लेकिन वैक्सीन की कमी और ट्रांसपोर्टेशन की समस्या के कारण 8.3 करोड़ की आबादी में से अब तक 7,58,093 लोगों को ही वैक्सीन लगाई जा सकी है। इसी तरह स्पेन में 27 दिसंबर को शुरुआत के बाद महज चार लाख लोगों को वैक्सीन लग पाई है।
इन देशों में भी चल रहा है वैक्सीनेशन अभियान
इन देशों के अलावा संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सऊदी अरब, इजरायल, कनाड़ा, अर्जेंटीना, बेल्जियम, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, कतर, ओमान, मैक्सिको, पोलैंड, हंगरी, ग्रीस, कुवैत, रोमानिया, पोलैंड, फिनलैंड, ग्रीस, डेनमार्क, चेक गणराज्य, साइप्रस, क्रोएशिया, कोस्टा रिका, चिली और बेलारूस आदि देशों में भी वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत हो चुकी है। हालांकि इनमें से अधिकतर देश मांग के अनुसार वैक्सीनों की आपूर्ति नहीं होने से अभियान में तेजी नहीं ला पा रहे हैं। अधिकतर देशों में बुजुर्गों और स्वास्थ्यकर्मियों को प्राथमिकता मिली है।