कोरोना वायरस: वैक्सीनेशन अभियान पर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहे प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान को लेकर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं। दो वैक्सीनों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिलने के बाद ये मुख्यमंत्रियों के साथ उनकी पहली बैठक है। इससे पहले शनिवार को उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की थी और इसी बैठक के बाद उन्होंने ट्वीट करते हुए 16 जनवरी से देशभर में वैक्सीनेशन शुरू होने की जानकारी दी थी।
कल हुई थी केंद्र और राज्यों के अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक
इससे पहले कल केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच कोरोना वैक्सीनेशन के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। बैठक में केंद्र सरकार के अधिकारियों ने राज्यों को वैक्सीनेशन की प्रक्रिया की बारीकियों के बारे में समझाया और इसमें मुख्य जोर को-विन नामक सोफ्टवेयर के इस्तेमाल पर रहा। बैठक में केंद्रीय अधिकारियों ने वैक्सीनेशन के दौरान फर्जीवाड़ा और प्रॉक्सी रोकने के लिए आधार कार्ड के उपयोग की बात भी कही।
किसे, कब और कौन सी वैक्सीन दी गई, इसका डिजिटल रिकॉर्ड रखना होगा
बैठक में राज्य सरकार के अधिकारियों को किसे, कब और कौन सी वैक्सीन लगी, इन सभी बातों का डिटिजल रिकॉर्ड रखने को भी कहा गया और इसके लिए ही को-विन सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाना है। अभी ये सॉफ्टवेयर केवल अधिकारियों के लिए उपलब्ध हैं और वे 79 लाख लाभार्थियों का डाटा इस पर डाल चुके हैं। इसे जल्द ही आम जनता के लिए भी खोला जाएगा और इसके जरिए वे वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।
सरकार का जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य
बता दें कि 16 जनवरी यानि अगले शनिवार से शुरू हो रहे कोरोना वायरस वैक्सीनेशन अभियान में सरकार का लक्ष्य जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाना है। इसमें सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाई जाएगी और इसके बाद पुलिसकर्मियों और सफाई कर्मचारियों समेत महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात लगभग दो करोड़ कर्मचारियों को खुराक दी जाएगी। केंद्र सरकार इन सभी लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का ऐलान कर चुकी है।
स्वास्थ्यकर्मियों और कर्मचारियों के बाद बुजुर्गों को लगाई जाएगी वैक्सीन
स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर खड़े अन्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाने के बाद 50 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इसके बाद 50 से कम उम्र के ऐसे लोग जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, उनका नंबर आएगा और उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। सबसे अंत में युवा और स्वस्थ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं होगा, बल्कि यह लोगों की स्वेच्छा पर निर्भर करेगा।
दो वैक्सीनों को मिल चुकी है आपातकालीन उपयोग की मंजूरी
बता दें कि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल चुकी है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है और भारत में SII इसका निर्माण और ट्रायल कर रही है। इसे 70 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। वहीं कोवैक्सिन को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। इसका तीसरे चरण का ट्रायल अभी जारी है।