इजरायल और ईरान में युद्ध का खतरा बढ़ा, UN परमाणु ठिकानों पर हमले को लेकर चिंतित
क्या है खबर?
इजरायल और ईरान के संघर्ष के युद्ध में तब्दील होने का खतरा बढ़ गया है। इजरायल ने कहा है कि वह ईरान के हमले का जवाब देगा, जिसके जवाब में ईरान ने कहा है कि अगर इजरायल ने ऐसा किया तो वो 'पहले कभी इस्तेमाल नहीं किए गए' हथियारों से हमला करेगा।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र (UN) की परमाणु निगरानी संस्था ने कहा है कि इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बना सकता है और इससे वे चिंतित हैं।
मामला
क्यों आमने-सामने इजरायल और ईरान?
इजरायली सेना ने 1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हवाई हमला किया था। इस हमले में दूतावास की एक इमारत पूरी तरह नष्ट हो गई थी और ईरान के 7 वरिष्ठ सैन्य अधिकारी मारे गए थे।
इस हमले के बाद से ही ईरान और इजरायल में तनाव चरम पर है। हमले का जवाब देते हुए रविवार को ईरान ने इजरायल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागी थीं।
बयान
इजरायल के सैन्य प्रमुख बोले- ईरान के हमले का जवाब दिया जाएगा
इजरायल के सैन्य प्रमुख हर्जी हलेवी ने सोमवार को कहा कि ईरान के हमले का जवाब दिया जाएगा और इजरायल विकल्पों पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि इजरायल अपनी पसंद के समय पर जवाब देगा।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी सोमवार को 24 घंटे में दूसरी बार अपनी युद्ध कैबिनेट के साथ अहम बैठक की।
चैनल 12 के अनुसार, बैठक में ऐसे विकल्पों पर विचार किया गया, जिससे बिना युद्ध छेड़े ईरान को नुकसान पहुंचाया जा सके।
प्रतिक्रिया
ईरान ने कहा- चंद सेकंड के अंदर देंगे जवाब
हलेवी की धमकी का जवाब देते हुए रानजीतिक मामलों के ईरान के उप विदेश मंत्री अली बघेरी कानी ने कहा कि अगर इजरायल हमला करता है तो ईरान चंद सेकंड के अंदर जवाब देगा।
एक अन्य वरिष्ठ ईरानी अधिकारी अबोलफजल अमौई ने भी कहा कि देश ने इजरायल के हमला करने पर सभी संभावित परिदृश्यों के लिए व्यापक रणनीतियां तैयार की हैं और पहले कभी इस्तेमाल नहीं किए गए हथियारों के उपयोग के लिए भी तैयार है।
दबाव
नेतन्याहू घिरे, जवाबी हमला करें या नहीं?
इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू मामले में घिर गए हैं। एक तरफ देश के कई नेता उनसे ईरान पर जवाबी हमला करने की कह रहे हैं, वहीं इजरायल के सहयोगी देश उन पर जवाबी हमला न करने का दबाव बना रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने नेतन्याहू को साफ कह दिया है कि ईरान के खिलाफ जवाब कार्रवाई में अमेरिका इजरायल की कोई मदद नहीं करेगा।
ब्रिटेन और फ्रांस ने भी इजरायल से कोई जवाब नहीं देने को कहा है।