कोरोना वैक्सीन के बदले जर्मनी और ब्रिटेन में अपने स्वास्थ्यकर्मियों को काम करने देगा फिलिपींस
फिलिपिंस ने कहा है कि अगर जर्मनी और ब्रिटेन उसे कोरोना वायरस की वैक्सीन दान करते हैं तो वह इन देशों में अपने स्वास्थ्यकर्मियों को काम करने देगा। कोरोना के कारण एशिया के सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में शामिल फिलीपिंस ने अपने स्वास्थ्यकर्मियों, जिनमें से अधिकतर नर्सें होती हैं, के विदेशों में काम करने पर लगे प्रतिबंध में छूट दी है, लेकिन अब भी सालाना केवल 5,000 पेशेवर ही देश छोड़कर विदेशों में नौकरी के लिए जा सकते हैं।
समझौता होता है तो बढ़ाई जा सकती है स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या- अधिकारी
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, फिलिपींस के श्रम मंत्रालय के अंतरराष्ट्रीय मामले ब्यूरो के निदेशक एलिस विस्पेरस ने कहा कि उनका देश वैक्सीन के बदले ब्रिटेन और जर्मनी में नौकरी के लिए जाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की तय संख्या बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि इन देशों से आने वैक्सीनों को विदेशों में जाने वाले लोगों को लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। समझौता होने पर विदेशों में नौकरी के लिए जाने वाले स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
फिलिपिंस में शुरू नहीं हुआ है वैक्सीनेशन अभियान
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, फिलिपींस में 5.65 लाख लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिनमें से 12,000 से ज्यादा की मौत हो चुकी है। यहां अभी तक वैक्सीनेशन शुरू नहीं हुआ है। लगभग 11 करोड़ की आबादी वाले फिलीपींस को अपनी व्यस्क आबादी को लगाने के लिए 14.8 करोड़ खुराकों की जरूरत है। उम्मीद की जा रही है कि चीन से मिली वैक्सीन की खेप की मदद से इस हफ्ते यहां वैक्सीनेशन अभियान शुरू हो सकेगा।
फिलिपींस के प्रस्ताव पर क्या प्रतिक्रियाएं आई हैं?
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वह ऐसे समझौते में इच्छुक नहीं है। हालांकि, ब्रिटेन ने साफ किया कि अगर उसके पास जरूरत से अधिक वैक्सीन उपलब्ध होगी तो वह इसे साझा करने को तैयार है। ब्रिटेन ने कहा कि उसके पास पिछले साल की तुलना में 11,000 नर्सें हैं। ब्रिटेन ने नेशनल हेल्थ सर्विस में काम कर रहीं फिलीपींस की नर्सों का धन्यवाद करते हुए वह और नर्सों के लिए वैक्सीन का व्यापार नहीं करेगा।
जर्मनी की तरफ से प्रतिक्रिया का इंतजार
ब्रिटिश स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि फिलीपींस के साथ नर्सों की भर्ती के लिए ऐसे किसी समझौते की योजना नहीं है। भविष्य में वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर इसे दूसरे देशों के साथ साझा किया जा सकता है। बता दें कि ब्रिटेन ने अपनी आबादी के लिए वैक्सीन की 40 करोड़ खुराकें ऑर्डर की हैं, जो जरूरत से कई गुना ज्यादा है। वहीं जर्मनी की तरफ से अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।