
आतंकवाद पर पाकिस्तान को लगा करारा झटका, FATF के ग्रे लिस्ट में रहेगा बरकरार
क्या है खबर?
वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाले निकाय फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान को करारा झटका दिया है।
आतंकवादियों की फंडिंग को नियंत्रित करने में नाकाम साबित होने पर FATF ने उसे अपनी ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखने का निर्णय किया है।
इसके साथ ही FATF ने उसे 8 बिंदुओं की एक सूची भी सौंपी है, जिसे उसे अगले चार महीने में पूरा करना होगा। उसने इस्लामाबाद को भी ब्लैक लिस्ट में डालने की चेतावनी दी है।
समय
जून 2020 तक ग्रे सूची में रहेगा पाकिस्तान
आतंकवादियों को आर्थिक मदद रोकने की दिशा में काम करने वाली संस्था FATF की 16 फरवरी से पेरिस में बैठक चल रही थी और शुक्रवार को उसका आखिरी दिन है।
इसमें पाकिस्तान को इस बाद ग्रे सूची से बाहर निकलने की उम्मीद थी, लेकिन वह FATF के मानदंडों को पूरा नहीं कर सका और उसे ग्रे सूची में बरकरार रखा गया है।
FATF की उप समिति के निर्णय के अनुसार पाकिस्तान अब जून 2020 तक इस सूची में बना रहेगा।
ग्रे सूची
जून 2018 में ग्रे सूची में आया था पाकिस्तान
पाकिस्तान ने जून 2018 में FATF की संदिग्ध ग्रे सूची में जगह बनाई थी। उस दौरान वैश्विक एंटी-टेरर फंडिंग वॉचडॉग को इस्लामाबाद के मनी लॉन्ड्रिंग और एंटी-टेरर फंडिंग कानूनों और उनके कार्यान्वयन में बहुत सारी कमियां मिली थीं।
उस दौरान पाकिस्तान को आतंकवादियों की फंडिंग रोकने के लिए 27 बिंदुओं की सूची सौंपी गई थी और उसे पूरा करने के लिए 15 महीनों समय दिया गया था, लेकिन पाकिस्तान उनमें से 13 बिंदुओं को पूरा करने में विफल रहा है।
पाकिस्तान की दलील
ग्रे सूची से बाहर आने के लिए पाकिस्तान ने दी ये दलीलें
FATF की ग्रे सूची से बाहर आने के लिए पाकिस्तान ने खूब दलीलें दी, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सका।
पाकिस्तान ने बताया था कि उसने लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद को गिरफ्तार कर दो मामलों में साढ़े पांच-साढ़े पांच साल की सजा सुनाई गई है।
इसी तरह उसने संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 16 आतंकियों में से सात को मार गिराने और आतंकी मसूद अजहर के परिवार सहित लापता होने की जानकारी दी थी, लेकिन यह दलीलें काम नहीं आ सकी।
सबूत
पाकिस्तान को सबूत दिखाने को कहा
FATF ने पाकिस्तान से ऐंटी मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के खिलाफ उठाए गए सुधारात्मक कदम के सबूत भी मांगे। इस पर उसने कहा कि अधिकारी इन मामलों में कार्रवाई कर रहे हैं।
इसके अलावा पाकिस्तान ने सीमा पार से होने वाले करंसी हेरफेर पर की गई कार्रवाई की जानकारी दी।
पाकिस्तान ने बताया कि उसने इन पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। उनसे यह भी कहा कि टेरर फंडिंग करने वाले लोगों और गतिविधियों की पहचान की जा रही है।
बचाव
ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए पाक को करना होगा यह काम
पाकिस्तान को अब जून में FATF की ग्रे लिस्ट से बचने के लिए सभी 1,267 वित्तीय संस्थानों और 1,373 आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी होगी।
इस्लामाबाद को इन आंतकियों और संगठनों को टेरर फंड जुटाने से रोकना होगा, साथ ही उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए उनकी संपत्तियों को भी जब्त करना होगा।
इसके अलावा टेरर फंडिंग और आतंकवाद विरोधी रणनीतियां बनाकर उन्हें लागू करना होगा। इसी तरह टेरर फंडिंग करने वालों पर ठोस कार्रवाई करनी होगी।
साथ
तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान को बचाया
पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में जाने से बचाने के लिए तुर्की और मलेशिया ने अहम भूमिका निभाई है।
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने और व्हाइट लिस्ट में शामिल होने के लिए 39 में से 12 वोट चाहिए थे। ब्लैक लिस्ट से बचने के लिए उसे तीन देशों के समर्थन की जरूरत थी।
पिछले महीने बीजिंग में FATF की बैठक में चीन के अलावा तुर्की और मलेशिया ने पाकिस्तान का समर्थन कर उसे ब्लैक लिस्ट से बचा लिया था।
जानकारी
क्या होता है FATF?
FATF वैश्विक आतंकी वित्तपोषण पर नजर रखने वाली पेरिस स्थित एक अंतर-सरकारी संस्था है। इसका काम गैर-कानूनी आर्थिक मदद को रोकने के लिए नियम बनाना है।
इसका गठन 1989 में किया गया था। FATF की ग्रे या ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर देश को अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से कर्ज हासिल करने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में पाकिस्तान के इस सूची में बने से रहने से उसके आर्थिक हालात बिगड़ने की संभावना है।