बाढ़ग्रस्त पाकिस्तान में सब्जियों का संकट, भारत से निर्यात कर सकता है खाद्य पदार्थ
पड़ोसी देश पाकिस्तान इन दिनों हालिया दशकों की सबसे भयंकर बाढ़ का सामना कर रहा है। बाढ़ के कारण फसलें खराब हो गई हैं और रास्ते बंद होने से सब्जियों और फलों की आपूर्ति पर असर पड़ा है, जिससे इनकी कीमतें आसमान छूने लगी हैं। इसी बीच पाकिस्तान सरकार भारत से खाद्य पदार्थ आयात करने पर विचार कर रही है। इसके लिए सरकार अपने गठबंधन सहयोगियों और दूसरे हितधारकों से चर्चा करेगी।
बाढ़ से 3 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित
पाकिस्तान में आई बाढ़ से 3 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं और 1,100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यहां हर साल जून-अगस्त के बीच हालत बिगड़ते हैं, लेकिन इस बार स्थिति बदतर हो गई। हर बार यहां जुलाई में बारिश शुरू होती है, लेकिन इस साल जून से बारिश हो रही है, जिसके कारण बाढ़ आ गई। जून से लेकर जुलाई मध्य तक ही बाढ़ के कारण 300 लोगों की मौत हो गई थी।
विपक्ष कर रहा आलोचना
पिछले कुछ सालों से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में खटास आई हुई है और बातचीत बंद है। ऐसे में पाकिस्तान सरकार के भारत से खाद्य पदार्थ निर्यात करने के विचार की विपक्ष ने आलोचना की थी। बीते सोमवार को सबसे पहले पाकिस्तानी वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने यह विचार पेश किया था। बुधवार को उन्होंने जानकारी दी बाढ़ के कारण हुए खाद्य संकट से उपजी परिस्थितियों के बीच भारत से खाद्य पदार्थ निर्यात पर विचार किया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने सरकार से मांगी इजाजत
इस्माइल ने ट्विटर पर लिखा कि एक से अधिक अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने जमीनी रास्ते के जरिये भारत से खाद्य पदार्थ पाकिस्तान लाने की इजाजत मांगी है। आपूर्ति संकट के आधार, गठबंधन सहयोगियों और दूसरे हितधारकों से बातचीत के बाद सरकार इस पर फैसला लेगी।
कई गुना बढ़ी टमाटर और प्याज की कीमतें
पाकिस्तान में बाढ़ के बाद से टमाटर और प्याज की कीमतें कई गुना बढ़ गई है। लागत की बात करें तो यहां हर महीने 1.5 लाख टन प्याज और 50,000 टन टमाटर की खपत है। बाढ़ के बाद थोक बाजार में प्याज की कीमतें 100 से 150 रुपये और टमाटर की कीमत 200 से 250 रुपये तक बढ़ गई है। कीमतें नियंत्रित रखने के लिए सरकार ने अफगानिस्तान और ईरान से टमाटर और प्याज मंगवाने का फैसला किया है।
सिंध बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित इलाका
पाकिस्तान का दक्षिणी हिस्सा सिंध सबसे ज्यादा प्रभावित है। अन्य सालों की तुलना में यहां अगस्त में 784 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। वहीं बलोचिस्तान में इस साल 1 से 26 अगस्त के बीच सामान्य से 522 प्रतिशत अधिक पानी बरसा है। यहां हर साल मानसून बारिश के तीन से चार चक्र होते हैं, लेकिन इस साल यहां आठवां चक्र चल रहा है। अनुमान है कि इस महीने एक बार फिर जोरदार बारिश हो सकती है।