इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने गिरफ्तारी वारंट पर कही ये बात
गुरुवार (21 नवंबर) को अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। अब नेतन्याहू के कार्यालय ने इस वारंट को "आधुनिक ड्रेफस परीक्षण" और "यहूदी विरोधी" बताया है। ड्रेफस परीक्षण 1890 के दशक की एक कुख्यात यहूदी विरोधी घटना है, जिसमें एक फ्रांसीसी यहूदी अधिकारी पर गलत आरोप लगाया गया था और उसे बरी किए जाने से पहले देशद्रोह का दोषी ठहराया गया था।
कोर्ट ने क्यों जारी किया वारंट?
कोर्ट ने कहा, "चैंबर ने 2 व्यक्तियों- श्री बेंजामिन नेतन्याहू और श्री योव गैलेंट के लिए मानवता के विरुद्ध अपराध और 8 अक्टूबर, 2023 से कम से कम 20 मई, 2024 तक किए गए युद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि गैलेंट और नेतन्याहू ने जानबूझकर गाजा पट्टी में नागरिक आबादी को अस्तित्व के लिए आवश्यक वस्तुओं से वंचित किया, जिसमें भोजन, पानी, दवा, चिकित्सा, ईंधन और बिजली शामिल हैं।"
नेतन्याहू के कार्यालय ने की निंदा
इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा कि कोर्ट का निर्णय इजरायल को उसके नागरिकों की सुरक्षा करने से नहीं रोकेगा। कार्यालय ने नेतन्याहू और गैलेंट के खिलाफ कोर्ट के दावों को "झूठा" बताते हुए खारिज कर दिया। PMO ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का निर्णय एक भ्रष्ट मुख्य अभियोजक द्वारा लिया गया था, जो यौन उत्पीड़न के आरोपों से खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने न्यायाधीशों को "यहूदी विरोधी" बताया।
क्या गिरफ्तार होंगे नेतन्याहू?
ICC के पास संदिग्धों को गिरफ्तार करने की कोई शक्ति नहीं है। यह केवल उन देशों के भीतर से आरोपियों को गिरफ्तार कर सकता है, जिन्होंने इसे स्थापित करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इजरायल इस समझौते में शामिल नहीं है। नेतन्याहू की गिरफ्तारी के 2 संभावित तरीके हैं। पहला- उन्हें प्रत्यर्पित किया जाए और दूसरा- ICC के किसी सदस्य देश में गिरफ्तार किया जाए। ऐसे में नेतन्याहू के गिरफ्तार होने की संभावना लगभग असंभव है।