दिसंबर में दो करोड़ अमेरिकियों को लगाई जा सकती है कोरोना वायरस की वैक्सीन- अधिकारी
कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित देश अमेरिका में वैक्सीन वितरण की तैयारियां अपने चरम पर हैं और अगले महीने दिसंबर में दो करोड़ अमेरिकियों को वैक्सीन लगाई जा सकती है। वैक्सीन के विकास और वितरण के लिए चलाए गए 'ऑपरेशन वार्प स्पीड' के मुख्य सलाहकर मोनसेफ स्लाउई ने गुरूवार को ये जानकारी दी। उन्होंने फाइजर के साथ-साथ मोडर्ना की कोरोना वायरस वैक्सीन को भी दिसंबर तक आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई।
दिसंबर के बाद हर महीने 2.5 करोड़ लोगों को लगाई जाएगी वैक्सीन- मोनसेफ
व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मोनसेफ ने कहा कि अमेरिका दिसंबर में अपने दो करोड़ नागरिकों को वैक्सीन लगाने की उम्मीद कर रहा है और इसके बाद अगले साल के हर महीने 2.5 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ट्रायल के अंतिम चरण में चल रही दोनों वैक्सीनों, फाइजर और मोडर्ना, को जल्द ही अगले महीने आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी प्रदान की जाएगी।
अमेरिका में चार वैक्सीन अंतिम चरण के ट्रायल में
अमेरिका में अभी कम से कम चार कोरोना वायरस वैक्सीनों का अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है और इनमें से दो के शुरूआती नतीजे इसी साल आने की उम्मीद है। फाइजर तो शुरूआती नतीजे घोषित भी कर चुका है, वहीं मोडर्ना ने नवंबर के अंत तक अंतिम चरण के ट्रायल के नतीजे आने की बात कही है। वहीं एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की वैक्सीनों के नतीजे अगले साल की शुरूआत में आ सकते हैं।
फाइजर ने सोमवार को जारी किए थे ट्रायल के नतीजे
जर्मन कंपनी बायोएनटेक के साथ साझेदारी में कोरोना वायरस वैक्सीन तैयार कर रही फाइजर ने सोमवार को ही अंतिम चरण के ट्रायल के शुरूआती नतीजे घोषित किए थे। कंपनी ने अपने बयान में वैक्सीन को 90 प्रतिशत प्रभावी बताया था और सुरक्षा संबंधी डाटा मिलने के बाद इसी महीने आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी (EUA) हासिल करने के लिए आवेदन करने की बात कही थी। वैक्सीन अभी तक पूरी तरह सुरक्षित भी साबित हुई है।
अकेली फाइजर से अमेरिका को मिलेंगी 10 करोड़ खुराकें
वैक्सीन खुराकों की बात करें तो अकेले फाइजर से अमेरिका को 10 करोड़ खुराकें मिलनी हैं और इसके लिए दोनों के बीच 1.95 अरब डॉलर का समझौता हुआ है। इसमें से पहली दो करोड़ खुराकें तो अगले महीने ही मिल सकती हैं और इसके बाद हर महीने लगभग 2.5 करोड़ खुराकें मिलेंगी। इसके अलावा मोडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियां तो ऑपरेशन वार्प स्पीड के तहत आती हैं और इनकी अधिकांश खुराकें अमेरिका को ही मिलेंगी।
सबसे पहले बुजुर्गों और स्वास्थ्यकर्मियों को लगाई जा सकती है वैक्सीन
खुराकें मिलने के बाद सरकार की सिफारिशों को मद्देनजर रखते हुए अमेरिका में सबसे पहले बुजुर्गों को वैक्सीन लगाई जा सकती है। इसके बाद स्वास्थ्यकर्मियों और महामारी में अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे कर्मचारियों को वैक्सीन दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि जनवरी के अंत तक इन सभी को वैक्सीन लगाई जा सके। बता दें कि अमेरिका के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ एंथनी फाउची भी दिसंबर से वैक्सीन उपलब्ध होने की बात कह चुके हैं।
अमेरिका में क्या है महामारी की स्थिति?
जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, अमेरिका में अब तक 1.07 करोड़ लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 2.44 लाख लोगों की मौत हुई है। देश में बीते दिन 1.53 लाख नए मामले सामने आए।