अमेरिका में अश्वेत नागरिक की मौत के बाद हो रहे प्रदर्शन, जानिये पूरा मामला
अमेरिका के कम से कम 20 शहरों में पिछले दो-तीन दिन से प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी एक अश्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत से नाराज है और न्याय की मांग कर रहे हैं। फ्लॉयड का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी उनकी गर्दन पर घुटना रखकर बैठा है। इस दौरान फ्लॉयड उनसे छोड़ने की गुहार लगाते हुए कह रहे हैं कि उन्हें सांस नहीं आ रही।
बीते सोमवार को मिनेपॉलिस शहर में हुई घटना
यह घटना अमेरिका के मिनेसोटा के मिनेपॉलिस शहर की है। यहां पुलिस को जानकारी मिली थी फ्लॉयड ने काले धन का इस्तेमाल किया है। इस बारे में पूछताछ करने के लिए पुलिसकर्मी सोमवार को उनके घर पहुंचे। फ्लॉयड ने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया तो उनको हथकड़ी लगा दी गई। उसके बाद क्या हुआ, उसकी जानकारी सामने नहीं है। जो वीडियो सामने आया है, उसमें एक पुलिसकर्मी फ्लॉयड की गर्दन पर अपना पैर रखे हुए देखा जा सकता है।
आरोपी पुलिसकर्मी हुआ गिरफ्तार
जिस पुलिसकर्मी ने फ्लॉयड के गले पर पैर रखा था, उनका नाम डेरेक शॉविन बताया जा रहा है। CNN के मुताबिक, शॉविन को हत्या और नरसंहार के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया है। शॉविन की पत्नी ने उनसे शादी भंग करने के लिए अदालत की शरण ली है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्लॉयड की हत्या के बाद नाराज लोगों ने मिनेपॉलिस शहर में आगजनी और लूटपाट की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन को भी आग लगी दी थी।
सामने आया घटना का एक और वीडियो
CNN ने एक और वीडियो जारी किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि तीन पुलिसकर्मी फ्लॉयड को दबाकर बैठे थे। अभी तक यह वीडियो शूट करने वाले शख्स की पहचान नहीं हुई है।
दुनियाभर में हो रही इस घटना की निंदा
फ्लॉयड की मौत पर दुनियाभर से नामी-गिरामी संगठनों और व्यक्तियों की प्रतिक्रिया आई है। संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन की प्रमुख मिशेल बैचलेट ने उनकी मौत की निंदा करते हुए कहा कि इस हत्या के पीछे नस्लीय भेदभाव की एक बड़ी भूमिका है जिसे स्वीकार करते हुए इससे निपटने की कोशिश करनी चाहिए। वहीं मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले एक अमेरिकी संगठन ने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज में अश्वेत लोगों के खिलाफ खतरनाक मिसाल बनती जा रही है।
डोनाल्ड ट्रंप ने दी विवादित प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी फ्लॉयड की मौत पर प्रतिक्रिया, लेकिन उनका एक बयान विवादों के केंद्र में आ गया। दरअसल, उन्होंने ट्वीट किया, 'जब लूट शुरू होती है तो शूट भी शुरू होती है। इसी कारण मिनेपॉलिस में बुधवार रात को एक व्यक्ति को गोली मार दी गई।' उन्होंने कहा कि 'ठग' नियम तोड़ रहे हैं और उन्होंने नेशनल गार्ड्स को इलाके में जल्द से जल्द शांति बहाली के आदेश दिए हैं।
ट्विटर ने हाइड किया ट्रंप का ट्वीट
ट्विटर ने ट्रंप के 'लूट शुरू होती है तो शूट शुरू होती है' वाले ट्वीट को हाइड कर दिया है। कंपनी का कहना है कि ट्रंप इस ट्वीट के जरिये हिंसा का गुणगान कर रहे हैं। सफाई देते हुए ट्रंप ने इसे तथ्य बताया है।
ट्रंप ने स्थानीय नेतृत्व पर उठाए सवाल
ट्रंप ने गुरुवार को ट्वीट कर स्थानीय नेतृत्व पर सवाल उठाया था। उन्होंने लिखा कि नेतृत्व की कमी के कारण मिनेपॉलिस में हिंसा भड़की है। अगर जेकब फ्रे (मिनेपॉलिस शहर के मेयर) स्थिति नहीं संभाल सकते तो नेशनल गार्ड्स को भेजना होगा। इसकी प्रतिक्रिया देते हुए फ्रे ने कहा कि फ्लॉयड की हिंसा से लोगों में नाराजगी और गुस्सा है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके बावजूद हिंसा और लूटपाट को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने भी दी प्रतिक्रिया
पूर्व राष्ट्रपति ओबामा ने अपने दोस्त के साथ हुए बातचीत के अंश को ट्वीट किया। इसमें उनके दोस्त ने लिखा, 'जब मैंने फ्लॉयड का वीडियो देखा तो मैं रोया। इसने मुझे तोड़ दिया। गर्दन पर घुटना इस बात का प्रतीक है कि कितनी निर्दयता से व्यवस्था काले लोगों को दबाकर रखती है। वो उनकी मदद की पुकार नहीं सुनती। लोगों को फर्क नहीं पड़ता। यह बहुत दर्दनाक है।' उन्होंने लिखा कि यह सामान्य नहीं होना चाहिए।
नस्लीय हिंसा पर चर्चा फिर शुरू
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत की घटना के बाद अमेरिका में एक बार फिर अश्वेत लोगों के खिलाफ भेदभाव और नस्लीय हिंसा के मामले पर चर्चा शुरू हो गई है। बीते कुछ दिनों में अश्वेत लोगों के खिलाफ कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने लोगों के मन में गुस्सा भर दिया है। जेकब फ्रे ने भी ट्विटर पर लिखा कि अमेरिका में अश्वेत समुदाय से होने का मौत की सजा के समान नहीं होना चाहिए।
अश्वेत लोगों के खिलाफ हिंसा के बारे में क्या कहते हैं आंकड़े?
बीबीसी ने एक डाटाबेस के हवाले से बताया है कि पुलिस अश्वेत अमेरिकियों को निर्दयतापूर्वक मार देती है। अमेरिका में अश्वेत लोग कुल जनसंख्या का 13 प्रतिशत है, लेकिन निहत्थे लोगों की कुल मौतों में से एक तिहाई अश्वेत लोग होते हैं। डाटाबेस में बताया गया है कि पुलिस द्वारा किसी निहत्थे अश्वेत व्यक्ति को मारे जाने की संभावना श्वेत की तुलना में चार गुना अधिक है। 2015-2020 तक रोजाना पुलिस की गोली से तीन लोगों की मौत हुई है।
अश्वेत लोगों की तुलना में श्वेत की गिरफ्तारी कम- रिपोर्ट
वहीं एक और रिपोर्ट में सामने आया है कि अमेरिका में ड्रग्स बेचने और लेने में अश्वेत और श्वेत समान रूप से शामिल है, लेकिन अश्वेत लोगों के पकड़े जाने की संभावना श्वेत की तुलना में 2.7 गुना अधिक है।
अब तक सैकड़ों प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, अलग-अलग शहरों से पुलिस ने सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं डेट्रॉयट में एक प्रदर्शनकारी की गोली लगने से मौत हो गई है। कई शहरों में पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया है और नियम तोड़ने वालों को हिरासत में ले रही है। डल्लास के मेयर ने लोगों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की है। उन्होंने कहा कि जो हुआ वो गलत है, लेकिन इसका विरोध का तरीका शांतिपूर्ण होना चाहिए।