डोनाल्ड ट्रंप ने किया H-1B वीजा का समर्थन, कहा- मैं हमेशा इसके पक्ष रहा हूं
क्या है खबर?
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों और तकनीकी नेताओं के बीच आव्रजन नियमों को लेकर बढ़ती बहस में शामिल होते हुए बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने H-1B वीजा पर डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DoGE) प्रमुख के बनाए गए टेस्ला प्रमुख एलन मस्क के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि वह हमेशा से इस वीजा के समर्थक रहे हैं।
बता दें कि H-1B वीजा अत्यधिक कुशल विदेशी श्रमिकों को अमेरिका में प्रवेश की अनुमति देता है।
बयान
ट्रंप ने क्या दिया बयान?
ट्रंप ने न्यूयॉर्क पोस्ट से कहा, "मेरी संपत्तियों पर कई H-1B वीजा हैं। मैं इसमें विश्वास करता रहा हूं। मैंने कई बार इसका इस्तेमाल किया है। यह एक शानदार कार्यक्रम है।"
उन्होंने कहा, "मुझे हमेशा से (H-1B) वीजा पसंद रहा है। मैं हमेशा इसके पक्ष में रहा हूं, इसलिए हमारे पास यह हैं।"
बता दें कि ट्रंप की यह टिप्पणी उनके पिछले कार्यकाल के विपरीत है, जब उन्होंने इसकी आलोचना करते हुए इसे अमेरिकी श्रमिकों के लिए अनुचित बताया था।
विवाद
ट्रंप के बयान से दो गुटों में बंटे उनके समर्थक
इस बयान ने ट्रंप को विवाद के केंद्र में खड़ा किया है, जिसने उनके समर्थकों में फूट पड़ गई है।
एक तरफ पारंपरिक आव्रजन विरोधी ट्रंप के वफादार हैं, जबकि दूसरी तरफ मस्क जैसे सिलिकॉन वैली के प्रमुख नेता हैं, जो अमेरिका की तकनीकी बढ़त को बनाए रखने के लिए H-1B वीजा को जरूरी बताते हैं।
शुक्रवार रात को भी उन्होंने विदेशी तकनीकी कर्मचारियों के लिए H-1B वीजा कार्यक्रम की रक्षा के लिए पूरी लड़ाई करने की कसम खाई थी।
आलोचना
लॉरा लूमर ने की थी श्रीराम कृष्णन की नियुक्ति की आलोचना
यह विवाद तब शुरू हुआ जब दक्षिणपंथी प्रभावशाली व्यक्ति और कट्टर आव्रजन आलोचक लॉरा लूमर ने भारतीय मूल के तकनीकी अधिकारी श्रीराम कृष्णन को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सलाहकार नियुक्त करने के ट्रंप के निर्णय की आलोचना की थी।
लूमर ने इस कदम को अमेरिका प्रथम नीति के खिलाफ बताया था, जिसे पूर्व रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद उम्मीदवार निक्की हेली सहित कुछ पारंपरिक रिपब्लिकनों का समर्थन मिला था।
उसके बाद मस्क ने तकनीकी विकास के लिए H-1B वीजा को जरूरी बताया था।