चीन ने हिन्द महासागर में जहाज के जरिए किया सर्वे, पनडुब्बी तैनात करने की योजना
चीन अपनी विस्तारवादी नीतियों से बाज नहीं आ रहा है। खबर है कि चीन का अनुसंधान पोत हाई यांग शि यू 760 हिंद महासागर में सर्वे करने में जुटा था। 13 अप्रैल को इस जहाज ने मलक्का जलडमरूमध्य पार किया। बताया जा रहा है कि सर्वे का उद्देश्य भविष्य में इस इलाके में पनडुब्बी की तैनाती करना हो सकता है। ये जहाज 4 महीने से इस इलाके में था।
अभी कहां है जहाज?
खबरों के मुताबिक, 13 अप्रैल को चीनी जहाज ने मलक्का जलडमरूमध्य को पार किया। वेबसाइट मरीन ट्रैफिक के मुताबिक, फिलहाल ये सिंगापुर के तट से दूर है और झांगजियांग के चीनी बंदरगाह की ओर जा रहा है। जहाज ने बालिकपपन के इंडोनेशियाई बंदरगाह पर जरूरत का कुछ सामान भी लोड किया था। चीन इस जहाज के जरिए हिन्द महासागर के कुछ हिस्सों में गहराई और 3D मैपिंग जैसे डाटा को इकट्ठा कर रहा है।
4 महीने से क्षेत्र में था जहाज
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जहाज ने 29 दिसंबर, 2022 को मलक्का जलडमरूमध्य को पार कर हिंद महासागर में प्रवेश किया था। इसे जनवरी से मई, 2023 तक बांग्लादेश के स्पेशल इकॉनमिक जोन में तेल और गैस की खोज करने के लिए बांग्लादेश ने अनुबंधित किया था। जनवरी की शुरुआत में जहाज बांग्लादेश पहुंचा था। 31 मार्च को सूत्रों के हवाले से ये जानकारी सामने आई थी कि भारत इस जहाज की निगरानी कर रहा है।
हाल ही में चीन ने बदले थे 19 समुद्री तलों के नाम
हाल ही में चीन ने दक्षिण हिंद महासागर में समुद्री तल की 19 जगहों को भी मंदारिन भाषा में नाम दिए थे। ये इलाका भारतीय प्रायद्वीप से लगभग 2,000 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। चीन हिन्द महासागर के नाम पर भी आपत्ति जता चुका है। 2 अप्रैल को चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के चीनी, तिब्बती और पिनइन लिपि में नए नाम जारी किए थे, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
बेहद आधुनिक है चीन का यांग शि यू 760 जहाज
चीन का जासूसी जहाज हाई यांग शि यू 760 अत्याधुनिक तकनीक से लैस है। 85 मीटर लंबे और 20 मीटर चौड़े इस जहाज को 2015 में टियांजिन में बनाया गया था। 2000 टन वजनी ये जहाज अधिकतम 14 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से तैर सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्तमान में हिंद महासागर के इलाके में चीनी नौसेना के ऐसे ही 2 अन्य जासूसी जहाज भी गश्त कर रहे हैं।