आर्थिक संकट में फंसे पाकिस्तान से कारोबार समेटने की तैयारी में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां, जानें कारण
क्या है खबर?
आर्थिक संकट के जूझ रहे पाकिस्तान से अब बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपना कारोबार समेटने पर विचार कर रही हैं। हाल ही पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने प्रमुख ब्याज दर में एक फीसदी की बढ़ोतरी की है, जिसके बाद ऐसा होने की आशंका है।
बहुराष्ट्रीय कंपनियां विदेशी मुद्रा संकट के बीच पाकिस्तान सरकार और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) की अनिश्चित नीतियों से परेशान हैं, जिससे उन्हें संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
रिपोर्ट
SBP ने ब्याज दरों में की बढ़ोतरी
एशियन लाइट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सुचारू संचालन में बाधा का एक प्रमुख कारण मौजूदा SBP द्वारा की गई ब्याज दरों में बढ़ोतरी है।
हाल ही में पाकिस्तान की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत दर को एक फीसदी बढ़ाकर 21 प्रतिशत करने का निर्णय लिया था क्योंकि देश का लक्ष्य रिकॉर्ड महंगाई को नीचे लाना है। इस निर्णय के बाद यह प्रमुख ब्याज दर अब तक के सबसे उच्चतम स्तर है।
संचालन
पाकिस्तान में कौन-सी कंपनियां बंद कर सकती हैं संचालन?
इस रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में कुछ बेहद प्रतिष्ठित वैश्विक कंपनियां अपना संचलान बंद करने पर विचार कर रही हैं।
इनमें सीमेंस, प्रॉक्टर एंड गैंबल, ओरेकल सर्विसेज पाकिस्तान, IBM पाकिस्तान, फेडएक्स (जेरी ग्रुप ऑफ कंपनीज) और मेरिएट होटल ग्रुप जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां शामिल हैं, जो दूसरे देशों में शिफ्ट होने पर विचार कर रही हैं।
गौर हो कि सीमेंस एक अग्रणी प्रौद्योगिकी कंपनी है, जो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के विकास में काफी योगदान देने वाली कंपनियों में से एक है।
नीति
SBP ने क्यों ब्याज दर में की वृद्धि?
पिछले महीने मार्च में पाकिस्तान में महंगाई दर 6 दशक के उच्च स्तर 35.4 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। विशेषज्ञों ने कहा है कि अप्रैल या मई में महंगाई दर 37 प्रतिशत से 40 प्रतिशत के बीच चरम पर पहुंचने का अनुमान है।
SBP ने अपने 6.5 अरब डॉलर के ऋण कार्यक्रम को फिर से शुरू करने के लिए ही अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की सिफारिश पर ब्याज दर में वृद्धि की है।
विदेशी मुद्रा भंडार
पाकिस्तान में रिकॉर्ड निचले स्तर पर है विदेशी मुद्रा भंडार
आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच चुका है, जबकि पाकिस्तानी रुपये की कीमत डॉलर के मुकाबले रोजाना गिरती जा रही है। अभी एक डॉलर की कीमत 288 पाकिस्तानी रुपये तक जा पहुंची है। 2023 में पाकिस्तान रुपये की कीमत में अब तक 20 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
ऐसे में पाकिस्तान को IMF से आर्थिक मदद की दरकार है और वो IMF की शर्तों पर अमल करने में जुटा हुआ है।