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    चीन की नापाक हरकत, नए जासूसी सैटेलाइट से रखेगा हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर निगरानी
    चीन ने लॉन्च किया जासूसी उपग्रह

    चीन की नापाक हरकत, नए जासूसी सैटेलाइट से रखेगा हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर निगरानी

    लेखन महिमा
    Dec 18, 2023
    03:44 pm

    क्या है खबर?

    चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर अपना दावा ठोकता है और इस इलाके में उसकी बढ़ती आक्रामकता भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

    अब इस इलाके में जासूसी करने के लिए उसने गुप्त सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च किया है, जो लगातार हिन्द-प्रशांत क्षेत्र की निगरानी करेगा।

    एर्स टेक्निका की रिपोर्ट के अनुसार, सैटेलाइट को शुक्रवार को संशोधित लॉन्ग मार्च 5 लॉन्चर का उपयोग करके लॉन्च किया गया।

    रिमोट सेंसिंग उपग्रह

    चीनी सरकार का दावा- ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट है 

    चीनी सरकार ने दावा किया कि लॉन्ग मार्च 5 रॉकेट लॉन्चर पर सवार अंतरिक्ष यान, जिसका नाम याओगन-41 है, एक उच्च ऊंचाई वाला ऑप्टिकल रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट है।

    ऐसे निगरानी सैटेलाइट आमतौर पर किसी प्रतिद्वंद्वी के सैन्य बलों और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों की सबसे तेज तस्वीरें प्राप्त करने के लिए पृथ्वी के बहुत करीब उड़ान भरते हैं।

    सामान्य से लगभग 20 फीट (6.2 मीटर) अधिक ऊंचे इस सैटेलाइट के लिए लॉन्चर में कई बदलाव किए गए।

    निगरानी

    याओगन-41 के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर कैसे नजर रख सकता है चीन?

    विश्लेषकों का अनुमान है कि सैटेलाइट का सैन्य प्रयोग हो सकता है। याओगन-41 को जैसे लॉन्च किया गया है, उससे लगता है कि चीन इसे पृथ्वी की भू-समकालिक कक्षा में स्थापित करना चाहता है।

    भू-समकालिक कक्षा में स्थापित होने वाले सैटेलाइट पृथ्वी की गति के साथ तालमेल बिठाकर इसकी परिक्रमा करते हैं।

    इसके कारण सैटेलाइट पृथ्वी की सतह के एक महत्वपूर्ण हिस्से की निरंतर तस्वीरें खींच सकता है, खासकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के आसपास केंद्रित इलाकों की।

    उद्देश्य

    चीन का क्या उद्देश्य?

    यदि याओगन-41 सैटेलाइट हिंद महासागर या प्रशांत महासागर के ऊपर भू-समकालिक कक्षा में स्थापित हो जाता है तो यह चीन, ताइवान और पड़ोसी देशों की भी निगरानी कर सकता है।

    चीनी अधिकारियों ने याओगन-41 की सटीक क्षमताओं का खुलासा नहीं किया, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि चीन इसके जरिए हिंद-प्रशांत के व्यापक क्षेत्र में अमेरिकी नौसेना के जहाजों और अन्य उपकरणों को लगातार ट्रैक करने के प्रयास कर सकता है।

    प्रतिस्पर्धा 

    चीन और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष में भी बढ़ रही प्रतिस्पर्धा 

    गौर हो कि अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीन पिछले कुछ समय से अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाने पर जोर दे रहा है और अंतरिक्ष दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण प्रतिस्पर्धात्मक मंच बनकर उभरा है।

    हालांकि, चीन ने कई सैटेलाइट को भू-समकालिक कक्षा में लॉन्च किया है, जिस पर सवाल उठते हैं।

    चीन की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमताओं में बड़ी संख्या में जासूसी सैटेलाइट शामिल हैं और वह इमेजिंग सैटेलाइट्स में अन्य देशों से आगे निकल गया है।

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