ब्राजील: G-20 सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन को लेकर दिखी गंभीरता, जलवायु वित्त पर आम सहमति बनी
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन को लेकर देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बना हुआ है। हालांकि, यह कुछ हद तक कम होता दिख रहा है। जलवायु परिवर्तन को लेकर 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच जलवायु वित्त पर एक आम सहमति बन सकती है। इसमें विकासशील देश स्वैच्छिक योगदान और धनी देश विस्तारित वित्तपोषण प्रतिबद्धताओं पर जोर दे रहे हैं। सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों पर भी जोर है।
संयुक्त राष्ट्र ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने रियो डी जेनेरियो में पत्रकारों से कहा कि सबका ध्यान स्वाभाविक रूप से G-20 पर है क्योंकि वैश्विक उत्सर्जन में उनका हिस्सा 80 प्रतिशत है। उन्होंने अजरबैजान की राजधानी बाकू में COP29 वार्ता की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और G-20 नेताओं से जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए अधिक प्रयास का आह्वान किया। उन्होंने कहा, "अब समय विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और उत्सर्जकों द्वारा उदाहरण प्रस्तुत कर नेतृत्व करने का है।"
अजरबैजान में नहीं बन पाई थी सहमति
बाकू में COP29 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की वार्ता पर आम सहमति नहीं बन पाई थी। सम्मेलन में जलवायु के लिए सैकड़ों अरब डॉलर जुटाने के लक्ष्य पर सहमति बनाने का काम था। G-20 देश विश्व की अर्थव्यवस्था में 85 प्रतिशत का योगदान देते हैं और जलवायु वित्तपोषण में मदद करने वाले बहुपक्षीय विकास बैंकों में वे सबसे बड़े योगदानकर्ता हैं। COP29 में जिस जलवायु वित्त पर विवाद हुआ, वह G-20 में प्रमुख मुद्दा है।