
तापमान बढ़ने से गेहूं के उत्पादन पर पड़ेगा असर, 2050 तक 10 प्रतिशत कम होगी पैदावार
क्या है खबर?
जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा, वैसे-वैसे गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ेगा। एक अध्ययन के मुताबिक, देश में गेहूं की पैदावार 2040 तक 5 प्रतिशत और 2050 तक 10 प्रतिशत घट सकती है।
नेचर साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्ययन में गेहूं और ज्वार पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव की पड़ताल की गई। ज्वार पर इसका खास प्रभाव नहीं देखने को मिला।
अध्ययन के मुताबिक, 2030 तक गेहूं के लिए पानी की जरूरत 9 प्रतिशत और ज्वार के लिए 6 प्रतिशत बढ जाएगी।
अध्ययन
1998 से 2020 तक 42 प्रतिशत बढ़ा गेहूं का उत्पादन
अध्ययन के मुताबिक, वर्ष 1998 से लेकर 2020 तक भारत में गेहूं का उत्पादन करीब 42 प्रतिशत बढ़ा है। इसके विपरीत ज्वार के उत्पादन में 10 प्रतिशत की कमी आई है। इसका बड़ा कारण फसल क्षेत्र में 21 प्रतिशत की कमी होना है।
न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय में पारिस्थितिकी और सतत विकास के शोधकर्ता प्रोफेसर रूथ डेफ्रीज ने बताया कि सही संतुलन बनाने से ज्वार जलवायु बदलने पर गेंहू का विकल्प बन सकता है।