#NewsBytesExplainer: पाकिस्तान में शहबाज शरीफ की गठबंधन सरकार के सामने क्या बड़ी चुनौतियां हैं?
पाकिस्तान को आखिरकार अपना नया प्रधानमंत्री मिल गया है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) प्रमुख शहबाज शरीफ को दूसरी बार प्रधानमंत्री चुना है। बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) और कुछ अन्य पार्टियों के समर्थन के साथ देश में गठबंधन की सरकार बनी है। सरकार तो बन गई, लेकिन इस सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं। आइए जानते हैं कि शहबाज शरीफ की नई सरकार के समक्ष कौन-सी बड़ी चुनौतियां हैं।
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की चुनौती
शरीफ सरकार के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की है। पाकिस्तान की महंगाई दर वर्तमान में 25-30 प्रतिशत के बीच है। इस कारण यहां भोजन, गैस और बिजली जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। हालांकि, जनवरी, 2024 के बाद से महंगाई दर में थोड़ी गिरावट देखी गई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्तीय वर्ष 2024 के लिए महंगाई दर 25 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष 29 प्रतिशत थी।
रोजगार का संकट
शरीफ के सामने लाखों युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर प्रदान करने की चुनौती होगी। अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में पाकिस्तान का जनसंख्या-रोजगार अनुपात 47.6 प्रतिशत नीचे गिरा है और बेरोजगार लोगों की संख्या 56 लाख तक पहुंचने की आशंका है। 2021 के बाद इसमें 15 लाख की वृद्धि हुई है। पाकिस्तान में सुधार के रास्ते बनाए रखने के लिए IMF से 21,900 करोड़ रुपये की जरूरत होगी।
आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा खतरे
पाकिस्तान की खराब स्थिति के लिए उसकी धरती पर पनप रहा आंतकवाद भी जिम्मेदार है। अफगानिस्तान के साथ खुली सीमा भी उसके के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है। इसके अलावा बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में आंतरिक अशांति ने सुरक्षा बलों को चिंता में डाल रखा है। इस्लामाबाद स्थित सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (CRSS) की वार्षिक सुरक्षा रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में पाकिस्तान में 789 आतंकी हमलों में 1,463 और हिंसा के कारण 1,524 लोग घायल हुए।
भोजन और पानी की कमी
खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, पाकिस्तान की लगभग 18 प्रतिशत आबादी कुपोषित है। कृषि क्षेत्र, जो देश के लगभग 38 प्रतिशत कार्यबल को रोजगार देता है, वह मुश्किल दौर से गुजर रहा है। जलवायु परिवर्तन की वजह से अनियमित मौसम पैटर्न के कारण फसल की पैदावार और पशुधन उत्पादकता में कमी आई है। विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की रिपोर्ट के अनुसार, 5 वर्ष से कम उम्र के 36 प्रतिशत बच्चों में कुपोषण के कारण विकास रुक गया है।
राजनीतिक अस्थिरता और विश्वास की कमी
पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता भी शरीफ के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। 8 फरवरी के आम चुनावों में इमरान खान की पार्टी ने लगभग 93 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया। शरीफ की पार्टी ने 75 सीटें और जरदारी ने 54 सीटें जीतीं और मिलकर सरकार बनाई। विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान सरकार पर आम जनता का विश्वास कम है। शरीफ के समक्ष जनता और सेना दोनों के साथ तालमेल बिठाने की चुनौती होगी।
न्यूजबाइट्स प्लस
शहबाज 3 बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रह चुके नवाज शरीफ के छोटे भाई और PML-N के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनका जन्म 23 सितंबर, 1951 को लाहौर में हुआ था। उनके पिता बंटवारे से पहले भारत के अमृतसर में रहते थे और 1947 में लाहौर चले गए। शहबाज ने लाहौर की एक सरकारी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के बाद पारिवारिक कारोबार संभाला। शहबाज ने 1988 में पहला चुनाव जीता। उनके नाम सबसे ज्यादा बार पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड है।