भारत में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बना रहीं सरकारें- अमेरिकी रिपोर्ट
अमेरिका के विदेश विभाग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत, चीन और रूस समेत दुनियाभर के कई देशों की सरकारें खुलेआम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बना रही हैं। रिपोर्ट में भारत में मुसलमानों और ईसाईयों के खिलाफ कथित तौर पर किए गए हमलों का भी उल्लेख किया गया है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को दुनियाभर के देशों में धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर यह अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट, 2022 जारी की।
रिपोर्ट में भारत को लेकर क्या कहा गया है?
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के कई राज्यों में कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा करने के मामले सामने आए हैं। बतौर रिपोर्ट, गुजरात में पिछले साल अक्टूबर में सादा वर्दी में पुलिसकर्मियों ने एक त्योहार के दौरान हिंदुओं को घायल करने के आरोपी चार मुसलमान लोगों को सार्वजनिक रूप से पीटा था। अप्रैल, 2022 में मध्य प्रदेश के खरगोन में सांप्रदायिक हिंसा के बाद मुसलमानों के घरों और दुकानों पर बुलडोजर चला दिया गया।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपने भाषण में नहीं किया भारत का जिक्र
एंटनी ब्लिंकन ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, "यह रिपोर्ट दुनियाभर के देशों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति के बारे में एक तथ्य-आधारित और व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करती है।" उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य उन क्षेत्रों को उजागर करना है, जहां पर धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता का दमन किया जा रहा है और इन क्षेत्रों में जवाबदेही को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। हालांकि, ब्लिंकन ने अपने संबोधन में भारत या उसकी स्थिति को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की।
भारत को सहिष्णुता की परंपरा बनाए रखनी चाहिए- अमेरिकी राजदूत
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के एंबेसडर-एट-लार्ज भारतवंशी राजदूत रशद हुसैन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि कई सरकारें अपनी सीमाओं के अंदर अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को स्वतंत्र रूप से लक्षित कर रही हैं। उन्होंने कहा, "भारत में विविध धार्मिक समुदायों के कानूनी अधिवक्ताओं और नेताओं ने हरिद्वार में मुसलमानों के खिलाफ दिए गए घृणास्पद भाषण के एक मामले की निंदा की थी।" हुसैन ने आगे कहा कि भारत को सहिष्णुता की अपनी ऐतिहासिक परंपराओं को बनाए रखना चाहिए।
अमेरिकी अधिकारी ने रूस और चीन का भी किया जिक्र
हुसैन ने कहा कि म्यांमार में सैन्य शासन देश में अल्पसंख्यक समुदाय का लगातार दमन कर रहा है, जिसके कारण लोग अपने घरों को छोड़कर पलायन कर रहे हैं। उन्होंने अपने संबोधन में रूस, चीन और अफगानिस्तान का भी जिक्र किया।
अमेरिकी आयोग ने भी खड़े किए थे सवाल
बता दें कि अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने कुछ दिन पहले अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि यहां 2022 से स्थिति लगातार खराब हुई है। आयोग ने अमेरिका के विदेश विभाग से धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति को लेकर भारत समेत अन्य कई देशों को विशेष चिंता वाले देश के रूप में नामित करने की सिफारिश भी की थी।