
H1B वीजा नियम बदलेगा अमेरिका, कर्मचारियों और छात्रों को मिलेगा फायदा
क्या है खबर?
अमेरिका की जो बाइडन सरकार विदेशी कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले H1B वीजा के नियमों में बदलाव करने जा रही है।
यह बदलाव विदेशी कर्मचारियों की क्षमता को बेहतर करने, विदेशी छात्रों को लचीलापन मुहैया कराने और गैर-अप्रवासी कामगारों को बेहतर स्थिति देने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं।
नए नियमों को 23 अक्टूबर को 'फेडरल रजिस्टर' में प्रकाशित किया जाएगा। इस संबंध में लोगों से सुझाव भी मांगे गए हैं।
बदलाव
नियमों में क्या बदलाव प्रस्तावित हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, H1B वीजा की पूर्व निर्धारित संख्या (60,000) की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने बताया कि प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य पात्रता आवश्यकताओं को बेहतर करना, दक्षता में सुधार करना, नियोक्ताओं और कर्मचारियों को ज्यादा फायदा और लचीलापन मुहैया कराना है। इससे अमेरिका में काम करने वाले लोगों को सीधा फायदा होगा।
बता दें कि H1B वीजा से अमेरिकी कंपनियां विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति करती है।
नामांकन
एक व्यक्ति एक ही नामांकन कर सकेगा
होमलैंड सिक्योरिटी के सचिव एलेजांदरो एन मेयरकास ने कहा, "प्रशासन की प्राथमिकता वैश्विक टैलेंट को आकर्षित करना, मौजूदा कर्मचारियों पर बोझ को कम करना और इमीग्रेशन सिस्टम में धोखाधड़ी रोकना है। अभी एक उम्मीदवार कई नामांकन कर सकता है, ऐसे में उसके ही चुने जाने की संभावना बढ़ जाती है। नए प्रस्ताव के तहत एक व्यक्ति एक ही नामांकन कर सकेगा, ऐसे में ज्यादा लोगों को मौके मिलेंगे। विशेषज्ञ पद के लिए पात्रता में भी संशोधन किया गया है।"
नियम
छात्रों के लिए लचीले बनाए जाएंगे नियम
F-1 वीजा (छात्र वीजा) पर अमेरिका गए छात्रों को भी H1B वीजा की पात्रता के लिए नियमों को लचीला बनाया जाएगा।
इसके अलावा उभरते उद्यमियों के लिए भी वीजा पात्रता नियमों में बदलाव किया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रस्तावित नियमों में H1B के तहत मिलने वाली छूटों का लाभ गैर-लाभकारी संस्थाओं या सरकारी अनुसंधान संगठनों को भी दिए जाने पर विचार हो रहा है।
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) सुझावों के बाद इन नियमों में बदलाव करेगा।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
H-1B वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा होता है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियां दक्ष कर्मचारियों को अपने यहां नौकरियां देती हैं।
हर साल अमेरिकी कंपनियां इसी वीजा के सहारे भारत और चीन समेत कई देशों से हजारों पेशेवरों को नौकरी पर रखती हैं।
वहीं L-1A और L-1B वीजा इंटर-कंपनी ट्रांसफर के लिए मैनेजर या उसके ऊपर के पद पर काम कर रहे अधिकारियों या विशेष दक्षता वाले लोगों को दिया जाता है।