अमेरिका: बाइडन के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में 2 सवाल लेंगे प्रधानमंत्री मोदी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। व्हाइट हाउस ने दोनों नेताओं की साथ होने वाली इस प्रेस कॉन्फ्रेंस की पुष्टि की है। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को 'बड़ी बात' बताया। इसका कारण ये है कि प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले 9 सालों में मोदी ने एक भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है, जिसमें उन्होंने सवाल लिए हों। भारत में विपक्ष भी इसे लेकर सवाल उठाता रहा है।
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने क्या कहा?
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि व्हाइट हाउस समझता है कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस एक बड़ी बात है। उन्होंने कहा, "हम आभारी हैं कि प्रधानमंत्री मोदी यात्रा के अंत में एक प्रेस कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। हमें लगता है कि यह महत्वपूर्ण है और हमें खुशी है कि वह भी इसे महत्वपूर्ण मानते हैं।" उन्होंने कहा, "प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी प्रेस से एक प्रश्न और भारतीय प्रेस से एक प्रश्न शामिल होगा।"
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होंगे गिने-चुने पत्रकार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्हाइट हाउस में जब भी किसी विदेशी नेता की प्रेस कॉन्फ्रेंस होती है तो व्हाइट हाउस काफी सख्ती से उसे नियंत्रित करता है। इससे पहले जिन वैश्विक नेताओं का प्रेस कॉन्फ्रेंस व्हाइट हाउस में हुई है, उनमें शामिल होने वाले पत्रकारों के नाम पहले से ही तय कर दिए गए थे और सीमित संख्या में सवाल पूछने की इजाजत दी गई थी। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की ये पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस है।
मोदी से मानवाधिकारों को लेकर पूछे जा सकते हैं सवाल
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का एक विषय मानवाधिकार भी हो सकता है। राष्ट्रपति बाइडन को अमेरिकी सांसदों ने पत्र लिखकर मोदी के समक्ष भारत में लोकतंत्र और मानवाधिकार जैसे मुद्दे उठाने की अपील की है। पत्रकारों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी से भारत-अमेरिका संबंधों के अलावा भारत में लोकतांत्रिक पिछड़ेपन और मानवाधिकार जैसे गंभीर मुद्दों से संबंधित सवाल पूछे जा सकते हैं। हालांकि, व्हाइट हाउस ने साफ किया है कि बाइडन मोदी को मानवाधिकार को लेकर कोई व्याख्यान नहीं देंगे।
पहली बार अमेरिका की राजकीय यात्रा पर हैं मोदी
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी 5 बार अमेरिका की यात्रा कर चुके हैं, लेकिन उनकी अमेरिका की ये पहली राजकीय यात्रा है। उनकी यह यात्रा भारत-अमेरिका के संबंधों को लेकर काफी अहम मानी जा रही है। भारतीय समयानुसार गुरुवार देर रात प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी संसद की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। संसद की संयुक्त बैठक में यह प्रधानमंत्री का दूसरा संबोधन होगा और विश्व के चुनिंदा नेताओं यह अवसर मिला है।