भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ने गांधी के हत्यारे गोडसे को फिर बताया 'देशभक्त'
बम धमाकों की आरोपी और भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' बताया। उनकी इस टिप्पणी पर सदन में हंगामा हो गया। बाद में सदन की कार्यवाही से प्रज्ञा की इस टिप्पणी को हटा लिया गया। जब उनसे इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि वो गुरुवार को बयान देंगी। यह पहली बार नहीं है जब प्रज्ञा ने गोडसे को देशभक्त बताया है।
प्रज्ञा ने लोकसभा में बताया गोडसे को 'देशभक्त'
बुधवार को लोकसभा में SPG विधेयक पर चर्चा के दौरान सांसद ए राजा गांधी की हत्या के बाद गोडसे द्वारा अदालत में दिया गया बयान पढ़ रहे थे। इस दौरान उन्हें बीच में टोकते हुए प्रज्ञा ने गोडसे को देशभक्त बताया।
विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आईं प्रज्ञा सिंह
कई पार्टियों ने साध्वी प्रज्ञा के इस बयान की निंदा की है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि भारत गांधी जी की 150वीं जयंती मना रहा है, लेकिन आतंक फैलाने की आरोपी भाजपा सांसद संसद के सदन में गोडसे को 'देशभक्त' बताकर महिमामंडन कर रही हैं। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि भाजपा सांसद ने देश के पहले आतंकवादी को संसद में देशभक्त बताया है। उनका ट्वीट आप नीचे देख सकते हैं।
प्रज्ञा सिंह के बयान का वीडियो
सरकार ने क्या सफाई दी?
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने प्रज्ञा के इस विवादित बयान पर सफाई देते हुए कहा कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर का माइक बंद था। जब वो (डी राजा) उधम सिंह का नाम ले रहे थे तब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसके अलावा गोडसे या किसी और के बारे में कुछ नहीं कहा। वहीं भाजपा प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने कहा कि पार्टी प्रज्ञा सिंह पर कार्रवाई कर सकती है।
मालेगांव बम धमाकों की आरोपी हैं प्रज्ञा सिंह
प्रज्ञा सिंह पर 2008 में मालेगांव में हए बम धमाकों की साजिश में शामिल होने का आरोप है। चार्जशीट के मुताबिक, प्रज्ञा सिंह बम धमाकों की साजिश रचने वाली कई बैठकों में शामिल हुई थीं। महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को बम धमाके हुए थे जिसमें छह लोगों की मौत हुई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। प्रज्ञा के नाम रजिस्टर्ज एक मोटरसाइकिल पर विस्फोट बांधकर इस धमाके को अंजाम दिया गया था।
शहीदों का अपमान करने में आगे हैं प्रज्ञा
प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लोकसभा चुनावों के दौरान गोडसे को देशभक्त बताया था। तब उन्होंने कहा था, "नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे।" उन्होंने मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए महाराष्ट्र एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड के प्रमुख हेमंत करकरे की शहादत का भी अपमान किया था। उन्होंने कहा था कि करकरे को उनके कर्मों की सजा मिली थी। बता दें, करकरे मालेगांव धमाकों की जांच कर रहे थे, जिसमें प्रज्ञा को आरोपी बताया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कही थी मन से माफ नहीं करने की बात
प्रधानमंत्री मोदी से जब प्रज्ञा के इस बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा था, "ये बयान भयानक खराब बयान है, आलोचना के लायक है। सभ्य समाज के अंदर इस तरह की भाषा नहीं चलती। ऐसा कहने वालों को आगे से 100 बार सोचना होगा। हर प्रकार से घृणा के लायक है, जितनी निंदा की जाए उतना कम है।" उन्होंने कहा, "चाहे उन्होंने माफी मांग ली हो, लेकिन मैं मन से उन्हें कभी माफ नहीं कर पाऊंगा।"
प्रज्ञा को मिला था 'ईनाम'
एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें मन से माफ नहीं करने की बात कही थी। दूसरी तरफ प्रज्ञा को चुनाव जीतने के बाद 'ईनाम' दिया गया था। मोदी सरकार ने उन्हें रक्षा मंत्रालय की संसदीय सलाह समिति में जगह दी है। रक्षा से संबंधित विषयों पर चर्चा करने वाली इस समिति के चेयरमैन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं। गौरतलब है कि जमानत पर बाहर प्रज्ञा पर अभी अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत मामला चल रहा है।