स्पोर्ट्स जूते पहनने पर नौकरी से निकाली गई थी महिला, मुआवजे में मिले 31 लाख रुपये
क्या है खबर?
ज्यादातर कार्यालयों में औपचारिक ड्रेस कोड होता है और सभी कर्मचारियों को उसका पालन करना होता है। हालांकि, इन दिनों कई लोग काम पर जाते समय आरामदायक कपड़े पहनते हैं और आराम को प्राथमिकता देते हैं।
ऐसा करना यूनाइटेड किंगडम (UK) की रहने वाली महिला को भारी पड़ गया था और उन्हें अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा था।
हालांकि, अब कंपनी को उस महिला को 31 लाख रुपये का मुआवजा देना पड़ा है। आइए इसकी वजह जानते हैं।
मामला
एलिजाबेथ को क्यों गंवानी पड़ी थी नौकरी?
यह मामला UK की रहने वाली 20 वर्षीय महिला का है, जिनका नाम एलिजाबेथ बेनासी है। वह मैक्सिमस UK सर्विसेज नामक कंपनी में नौकरी करती थीं, जो कि लोगों को भर्ती करने वाली एजेंसी है।
एलिजाबेथ ने 2022 में इस कंपनी में काम करना शुरू किया था, जब वह 18 साल की थीं। हालांकि, काम पर स्पोर्ट्स जूते पहनने के कारण उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था।
कंपनी के मुताबिक, एलिजाबेथ तय ड्रेस कोड का पालन नहीं करती थीं।
एलिजाबेथ
एलिजाबेथ के साथ किया जाता था बच्चों जैसा सलूक
नौकरी से निकाले जाने के बाद एलिजाबेथ ने बताया कि वह नहीं जानती थीं कि कंपनी का कोई ड्रेस कोड है। उनके मुताबिक, केवल उनकी उम्र के कारण उनके साथ गलत बर्ताव किया गया।
वह इस बात से हैरान थीं, क्योंकि उनके कार्यालय के अन्य कर्मचारी भी स्पोर्ट्स जूते पहनकर काम पर आते थे, लेकिन इसकी सजा केवल एलिजाबेथ को ही दी गई।
एलिजाबेथ के मैनेजर उसके साथ बच्चों जैसा व्यवहार करते थे और आए दिन उनका मजाक बनाते थे।
मुआवजा
एलिजाबेथ ने जीता 31 लाख रुपये के मुआवजे का केस
एलिजाबेथ ने परेशान होकर रोजगार न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया, जो श्रमिकों और नियोक्ताओं के विवादों को सुलझाता है।
मामले की सुनवाई लंदन स्थित क्रॉयडन में की गई थी, जिस दौरान कंपनी को दोषी पाया गया था।
रोजगार न्यायाधिकरण ने फैसला सुनाते हुए कहा कि कंपनी एलिजाबेथ को नौकरी से निकालने का बहाना तलाश रही थी और उनमें कमियां ढूंढ रही थी।
इसके बाद कंपनी ने एलिजाबेथ को उत्पीड़न के मुआवजे के रूप में 31 लाख रुपये दिए।
न्यायाधीश
न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कही ये बात
रोजगार न्यायाधीश फोरवेल ने कहा, "अगर कंपनी का कोई तय ड्रेस कोड होता, तो भर्ती के दौरान एलिजाबेथ को भेजे गए मेल में इसका जिक्र जरूर किया गया होता।"
उन्होंने आगे कहा, "एलिजाबेथ को निकालने से पहले यह नहीं सोचा गया कि वह नई थीं और ड्रेस कोड से परिचित नहीं थीं। इससे स्पष्ट होता है कि कंपनी जान-बूझकर उनकी गलती साबित करना चाहती थी।"
हालांकि, न्यायाधीश ने उम्र संबंधी उत्पीड़न के दावे को खारिज कर दिया था।