आख़िर क्यों यहाँ के लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए निकलते हैं खाना-पानी लेकर, जानें
क्या है खबर?
आधार कार्ड कई सरकारी कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ा होने की वजह से एक महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र है, जो देश के हर नागरिक के लिए ज़रूरी है।
आजकल आधार कार्ड जगह-जगह केंद्र बनाकर बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा ऑनलाइन भी आधार कार्ड बनवाया जा सकता है।
लेकिन देश में एक ऐसी भी जगह है, जहाँ आधार कार्ड बनवाने के लिए लोगों को घर से खाना-पानी लेकर निकलना पड़ता है। ऐसा क्यों हैं, आइए जानें इसकी वजह।
कारण
बैतूल जिले में आधार केंद्रों की है काफ़ी कमी
दरअसल, मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आधार कार्ड बनवाना काफ़ी कठिन काम है, क्योंकि वहाँ आधार केंद्रों की कमी है।
इस वजह से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग सुबह-सुबह ही खाना-पानी लेकर मुख्यालय के लिए निकल पड़ते हैं।
ज़िला मुख्यालय के मुख्य डाकघर पर आधार बनवाने वालों की लंबी लाइन देखी जा सकती है।
शहर और आसपास के गाँवों की लगभग डेढ़ लाख आबादी के लिए डाकघर सबसे नज़दीक स्थल है, जहाँ आधार कार्ड बनता है।
जानकारी
जल्दी निकालेंगे समस्या का समाधान- प्रशासन
आधार कार्ड की अनिवार्यता और इसकी बढ़ती ज़रूरतों को देखते हुए हर नागरिक आधार कार्ड बनवाना चाहता है। आधार कार्ड बनवाने में हो रही लोगों की मुश्किलों के मामले में प्रशासन का कहना है कि वो जल्दी ही इस समस्या का समाधान निकालेंगे।
व्यवस्था
आधार कार्ड बनवाने आए लोगों को पहले मिलता है टोकन
डाकघर पर भीमपुर की सुखिया बाई, दामजीपुरा की देवकी बाई और चिरापाटला की रमकू ने बताया कि वो अपने बच्चों के साथ सुबह पाँच बजे रोटी की पोटली लेकर आधार बनवाने यहाँ आई हैं।
उन्होंने आगे बताया कि आधार कार्ड बनवाने आए लोगों को पहले टोकन दिए जा रहे हैं, जिस पर किस दिन आना है, यह लिखा होता है।
टोकन मिलने के बाद ही लोगों को नियत तिथि पर पहुँचकर आधार कार्ड बनवाना होता है।
बयान
लोगों को हो रही परेशानी की जानकारी मुझे है- ज़िलाधिकारी
कुछ अन्य ग्रामीणों ने बताया कि वो पहले ही यहाँ से टोकन ले चुके हैं, इसलिए आधार कार्ड बनवाने आए हैं।
आधार कार्ड बनवाने के लिए पूरे दिन रुकना पड़ता है, इसलिए वो अपने साथ खाना-पानी भी लेकर आए हैं।
ज़िलाधिकारी तेजस्वी एस नायक ने कहा, "आधार कार्ड बनवाने के लिए लोग परेशान हो रहे हैं, इसकी जानकारी मुझे हैं। आने वाले दिनों में जल्दी ही लोगों की इस परेशानी को दूर किया जा सके, इसके लिए प्रयास होंगे।"
जानकारी
गिनती के केंद्रों पर है 15 लाख आबादी का आधार बनाने की ज़िम्मेदारी
बता दें कि बैतूल जिले की कुल आबादी लगभग 15 लाख है और आधार बनाने की ज़िम्मेदारी गिनती के केंद्रों पर ही है। यही वजह है कि इस क्षेत्र के लोगों को आधार कार्ड बनवाने के लिए काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
केंद्र
आधार बनवाने और सुधार के लिए हैं गिनती के केंद्र
ज़िला लोकसेवा प्रबंधक मनीष वरवडे ने बताया कि जिले की जनपद पंचायत कार्यालय भैंसदेही, भीमपुर, प्रभातपट्टन, नगरपालिका आमला एवं मुलताई सहित लोकसेवा केंद्र शाहपुर और प्रभातपट्टन में आधार कार्ड पंजीयन एवं सुधार संबंधी कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा ग्राम पंचायत घाटबिरोली एवं बिरुल बाज़ार में भी आधार कार्ड का पंजीयन और सुधार संबंधी कार्य किया जा रहा है।
इसी से आप समझ सकते हैं कि लोगों को आधार बनवाने में कितनी परेशानी होती होगी।
जानकारी
बैंकों में भी किया जा रहा है आधार कार्ड सुधार का काम
ज़िला अग्रणी बैंक अधिकारी सौम्य नवित ने दावा किया है कि बैतूल स्थित HDFC बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और भारतीय स्टेट बैंक की बैतूल गंज शाखा में भी आधार कार्ड सुधार का कार्य किया जा रहा है।