आधा महाराष्ट्र और आधा तेलंगाना में है पवार परिवार का घर, दोनों जगह देते हैं टैक्स
महाराष्ट्र और तेलंगाना की सीमाओं के बीच एक अनोखा घर है जिसमें 13 सदस्यीय पवार परिवार रहता है। इस पूरे घर में कुल आठ कमरे हैं जिसमें से चार कमरे और रसोई तेलंगाना में हैं, वहीं चार अन्य कमरे और हॉल महाराष्ट्र में स्थित हैं। पवार परिवार एक राज्य में खाना खाता है, दूसरे राज्य में सोता है। इसके अलावा यह परिवार दोनों राज्यों की कल्याणकारी योजनाओं का फायदा भी लेता हैं और टैक्स भी देता है।
1969 में सीमा विवाद सुलझने के बाद बंट गया था घर
महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले की सीमावर्ती जिवती तहसील के महाराजगुडा गांव का पवार परिवार दो राज्यों में रहता है और अजीब भावना का अनुभव करता है। दरअसल, 1969 में जब महाराष्ट्र-तेलंगाना के बीच सीमा विवाद सुलझा तो पवार परिवार की जमीन दोनों राज्यों में बंट गई थी। इस वजह से उनका घर भी बंट गया। अब घर महाराष्ट्र और तेलंगाना की सीमा के बीच है, इसलिए परिवार को दोनों राज्यों को संपत्ति टैक्स भी देना पड़ता है।
दोनों राज्यों के पंजीकरण संख्या वाली गाड़ियों का मालिक है पवार परिवार
रिपोर्ट्स के मुताबिक, परिवार के लिए दोनों राज्यों में टैक्स देना कोई बुरी बात नहीं है क्योंकि उनके पास महाराष्ट्र और तेलंगाना के पंजीकरण संख्या वाली गाड़ियां हैं। इसकी वजह से वह दोनों राज्यों की लाभार्थी योजनाओं का भी आनंद लेते हैं।
परिवार को तेलंगाना सरकार की योजनाओं का ज्यादा मिलता है लाभ
इस अनोखे घर का नेतृत्व उत्तम पवार और उनके भाई चंदू पवार करते हैं। ANI से बात करते वक्त उत्तम पवार ने कहा, "मेरे भाई के चार कमरे तेलंगाना में हैं, वहीं मेरे चार कमरे महाराष्ट्र में हैं, लेकिन रसोई तेलंगाना में है। दो राज्यों में रहने से हमें कोई परेशानी नहीं होती है। हम दोनों राज्यों की ग्राम पंचायतों को टैक्स देते हैं। हम तेलंगाना सरकार की योजनाओं के तहत अधिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं।"
न्यूजबाइट्स प्लस
महाराष्ट्र और कर्नाटक में बलगाम और इसके आसपास के गांवों को लेकर सीमा विवाद चल रहा है। अभी कर्नाटक में आने वाले ये इलाके पहले बॉम्बे प्रेसीडेंसी में हुआ करते थे, लेकिन राज्यों के पुनर्गठन के समय इन्हें कर्नाटक को दे दिया गया, जबकि इन इलाकों की अधिकतर आबादी मराठी-भाषी है। तभी से इन इलाकों पर विवाद बना हुआ है। अभी मामले पर दोनों राज्यों की सरकारें आमने-सामने हैं।