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नवरात्रि में अपने गाँव की नौ लड़कियों को गोद लेकर CA ने पेश की मिसाल, जानें

नवरात्रि में अपने गाँव की नौ लड़कियों को गोद लेकर CA ने पेश की मिसाल, जानें

Oct 07, 2019
12:50 pm

क्या है खबर?

इस दुनिया में कई लोग ऐसे हैं, जो ख़ुद के लिए जीते हैं, जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो अपना जीवन मानव कल्याण के लिए समर्पित कर देते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पेशे से CA है और उन्होंने अपने गाँव की नौ लड़कियों को गोद लिया है। आइए उनके ऐसा करने के पीछे के मक़सद के बारे में विस्तार से जानें।

कारण

आर्थिक संरक्षण देने के लिए लिया लड़कियों को गोद

जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के ढिकवा गाँव में इंदौर में रहने वाले CA कैलाश नेहरा ने अपने गाँव की नौ बेटियों को आर्थिक संरक्षण देने के लिए गोद लिया है। ख़बरों के अनुसार, कैलाश उन लड़कियों की पढ़ाई से लेकर शादी तक का पूरा ख़र्च उठाएँगे। बता दें कि 20 साल पहले CA बनने के बाद वो इंदौर बस गए थे, लेकिन उसके बाद भी उनका लगाव अपने गाँव के प्रति कम नहीं हुआ।

मदद

गाँव वालों ने कैलाश की मदद

लड़कियों का चुनाव करने के लिए कैलाश ने हायर सेकेंडरी स्कूल के प्राचार्य गोपाल चौहान की मदद ली। कैलाश ने प्राचार्य से कहा था कि वे ऐसी लड़कियों की सूची उन्हें दें, जो पढ़ने में अच्छी हों, लेकिन आर्थिक रूप से कमज़ोर होने की वजह से भविष्य में उनकी पढ़ाई पर संकट आने की आशंका हो। इसके बाद प्राचार्य ने गाँव के लोगों की मदद से सूची तैयार की। इस काम में कैलाश की गाँव वालों ने ख़ूब मदद की।

जानकारी

लड़कियों और अभिभावकों से पूछकर लिया गोद

सूची तैयार करने के बाद लड़कियों से पूछा गया कि उन्हें कोई आपत्ति तो नहीं है। इसके बाद उनके अभिभावकों से भी इसके बारे में चर्चा की गई। जिन लड़कियों को कैलाश ने गोद लिया है वो ढिकवा के हायर सेकेंडरी स्कूल में 9 एवं 10 कक्षा में पढ़ती हैं। कैलाश के गोद लेने के बाद लड़कियाँ अपनी पढ़ाई पर होने वाले ख़र्च की चिंता और उनके अभिभावक शादी में होने वाले ख़र्च की चिंता से मुक्त हो गए हैं।

बयान

बेहतर शिक्षा पाकर लड़कियाँ पा सकें अपना लक्ष्य: कैलाश

इस बारे में CA कैलाश का कहना है, "मैं भी गाँव से ही निकला हूँ। मुझे पता है कि पढ़ाई में कितना ख़र्च होता है और माँ-बाप कैसे जुटाते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "पैसों की कमी के कारण कई लड़कियाँ आगे पढ़ भी नहीं पाती हैं, ऐसे में जो सक्षम हैं, उन्हें दूसरों की मदद करनी चाहिए, ताकि ऐसे बच्चे जो भविष्य में कुछ करना चाहते हैं, वे बेहतर शिक्षा पाकर अपना लक्ष्य पा सकें।"

जानकारी

लड़कियों को मिलेगा इससे बढ़ावा: उपसरपंच

ढिकवा के उपसरपंच छगन जाट ने कहा, "नेहरा परिवार के इस क़दम से गाँव की लड़कियों को बढ़ावा मिलेगा और उन्हें पढ़ाई में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। इसके लिए गाँव के साथ ही पंचायत उनकी हमेशा ऋणी रहेगी।