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इंदौर: जब 'जन गण मन' के बीच में ही 'वंदे मातरम' गाने लगे पार्षद, वीडियो वायरल

इंदौर: जब 'जन गण मन' के बीच में ही 'वंदे मातरम' गाने लगे पार्षद, वीडियो वायरल

Jun 13, 2019
12:26 pm

क्या है खबर?

इंदौर नगर निगम में राष्ट्रगान को लेकर एक विवाद हो गया। दरअसल, बुधवार को नगर निगम के बजट सत्र के दौरान वहां मौजूद सदस्य राष्ट्रीय गान 'जन गण मन' को बीच में छोड़कर राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' गाने लगे। इसकी एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें स्थानीय भाजपा विधायक मालिनी गौड़ भी नजर आ रही हैं। बता दें, इंदौर नगर निगम पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।

मामला

राष्ट्रगान बीच में छोड़कर राष्ट्रगीत गाने लगे पार्षद

मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि बजट सेशन के दौरान जनप्रतिनिधि और निमग के सदस्यों ने राष्ट्रगान शुरू किया। कुछ सेकंड बाद कई सदस्यों ने राष्ट्रगान बीच में रोककर राष्ट्रगीत गाना शुरू कर दिया और इसे पूरा किया। विपक्षी पार्षदों ने बजट सत्र के दौरान हुई इस चूक के लिए कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले पार्षदों के खिलाफ राष्ट्रगान के अपमान का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखिये वाकये का वीडियो

सफाई

सभापति ने दी सफाई

इस बारे में जब इंदौर नगर निगम के सभापति अजय सिंह नरूका से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले को तूल नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह संभवतः किसी पार्षद की जुबान फिसलने के कारण हुआ होगा। इसके पीछे किसी प्रकार की दुर्भावना नहीं रही है। इसलिए इस मामले को तूल नहीं देना चाहिए। उन्होंने बताया कि नगर निगम के सत्र की शुरूआत राष्ट्रगीत और समापन राष्ट्रगान "जन-गण-मन" के गायन के साथ होता है।

विवाद

जनवरी में भी हुआ था विवाद

मध्यप्रदेश सचिवालय में कई सालों से हर महीने पहली तारीख को राष्ट्र गीत 'वंदे मातरम' गाने का चलन था, लेकिन इस साल जनवरी में इस पर रोक लगा दी गई थी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि हर महीने के पहले दिन सचिवालय में वंदेमातरम गाने की अनिवार्यता को फिलहाल बंद किया गया है। तब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर सालों पुरानी परंपरा तोड़ने को लेकर निशाना साधा था।

बयान

बिना एजेंडे लिया गया फैसला- कमलनाथ

इस फैसले के बारे में राज्य के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा था कि वंदे मातरम गाने की अनिवार्यता को बंद किया गया है। यह फैसला बिना किसी एजेंडे के तहत लिया गया है। उन्होंने कहा था कि वंदे मातरम उनके दिलों की गहराई में बसा है और इसे लेकर उनका कोई विरोध नहीं है। कमलनाथ ने कहा था कि राष्ट्रीयता या देशभक्ति का जुड़ाव दिल से होता है। इसे दिखाने की आवश्यकता नहीं है।