फीफा विश्व कप क्वालीफायर: लगभग बाहर हो चुकी है भारतीय टीम, अब तक हमने क्या सीखा
बीती रात भारतीय टीम को विश्व कप क्वालीफायर मुकाबले में ओमान के खिलाफ 1-0 से हार का सामना करना पड़ा। विश्व कप क्वालीफायर्स में यह भारतीय टीम की पांच मैचों में दूसरी हार थी और दोनों ही हार उन्हें ओमान के खिलाफ मिली है। इसके अलावा उन्होंने यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE), बांग्लादेश और अफगानिस्तान के खिलाफ ड्रॉ खेला है। आइए एक नजर डालते हैं क्वालीफायर्स मुकाबलों से अब तक मिलने वाली सीख पर।
फारवर्ड लाइन में सुधारना होगा खेल
भारतीय टीम ने विश्व कप क्वालीफायर्स में खेले पांच मैचों में केवल तीन गोल दागे हैं। फारवर्ड लाइन में सुनील छेत्री केवल ऐसे खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने स्टार्टिंग इलेवन में रहते हुए एक गोल दागा है। ऐसा नहीं है कि टीम को मौके नहीं मिले हैं, लेकिन उन्होंने मौकों को गंंवाया है। लगातार टीम विपक्षी बॉक्स में फिनिश करने में गलतियां कर रही है जिसे सुधारा जाना बेहद जरूरी है।
टीम में लगातार हो रहे बदलावों को रोकना होगा
नए कोच इगोर स्टिमाक के अंडर भारतीय टीम की स्टार्टिंग इलेवन में लगातार बदलाव देखने को मिले हैं। लगभग हर मैच में ही टीम की स्टार्टिंग इलेवन अलग होती है। लगातार हो रहे बदलावों के बीच एक स्टेबल प्लेइंग इलेवन नहीं बन पा रही है और ऐसा लग रहा है कि कोच अभी भी परफेक्ट 11 खिलाड़ियों की खोज में हैं। इस तरह के बदलाव करके आप खुद को कमजोर ही बना रहे हैं।
खिलाड़ियों पर दिख रहा है काफी दबाव
अक्सर देखा जा रहा है भारतीय टीम के खिलाड़ी गेंद को होल्ड नहीं कर पा रहे हैं और खुद पर काफी दबाव महसूस कर रहे हैं। भारतीय टीम के खिलाड़ी लगातार गेंद गंवा रहे हैं और फिर अटैक होने पर डिफेंस में खलबली सी मच रही है। ऐसा देखने को मिल रहा है कि खिलाड़ी यह निर्णय लेने में काफी टाइम ले रहे हैं कि गेंद को किधर पास करना है।
डिफेंस और अटैक के बीच फंस रही है टीम
नए कोच के अब तक के कार्यकाल को देखें तो ऐसा प्रतीत हो रहा है कि टीम यह निर्णय नहीं ले पा रही है कि उन्हें अटैकिंग खेलना है या फिर डिफेंडिंग। कई मौकों पर पहले गोल दागने के बाद टीम दूसरे गोल के लिए ज़्यादा जोर नहीं लगाती दिख रही है और वे बस स्कोरलाइन को बचाते दिख रहे हैं। कई बार उन्हें ज़्यादा डिफेंसिव होने का भी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
सही प्लेइंग इलेवन और साफ प्लान के साथ उतरना होगा
हम यह कह सकते हैं कि फिलहाल भारतीय टीम खुद को स्थापित करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, मैच से अच्छे परिणाम हासिल करने के लिए एक बेहतर टीम और सही प्लान के साथ मैदान पर उतरना होगा। हमारा यह मानना है कि कोच को अपने खिलाड़ियों पर भरोसा दिखाना होगा और खिलाड़ियों को हर मौके का फायदा लेना होगा। टीम को यह साफ करना होगा कि उन्हें बैलेंस खेल दिखाना है।