सचिन तेंदुलकर बनाम जो रूट: 150 टेस्ट के बाद कैसा है दोनों बल्लेबाजों का प्रदर्शन?
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज जो रूट ने हाल ही में अपने टेस्ट करियर के 150 मैच पूरे किए। वह टेस्ट क्रिकेट में 150 या अधिक मैच खेलने वाले विश्व के 11वें बल्लेबाज बने। वह टेस्ट में फिलहाल पांचवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। वह सचिन तेंदुलकर के सर्वाधिक रनों के विश्व रिकॉर्ड का पीछा कर रहे हैं। इस बीच 150 टेस्ट के बाद रूट और तेंदुलकर के आंकड़ों की तुलना करते हैं।
150 टेस्ट के बाद रूट ने बनाए हैं ज्यादा रन
अब तक के बेमिसाल करियर में रूट ने 150 टेस्ट की 274 पारियों में 50.90 की औसत के साथ 12,777 रन अपने नाम किए हैं। दूसरी तरफ तेंदुलकर ने 150 टेस्ट की 254 पारियों में 54.23 की औसत के साथ 11,877 रन बनाए थे। आंकड़ों से स्पष्ट है कि रूट ने 150 टेस्ट के बाद तेंदुलकर की तुलना में 900 रन अधिक बनाए हुए हैं। हालांकि, इस अवधि में इंग्लिश दिग्गज ने ज्यादा पारियां खेली हैं।
शतकों के मामले में हैं तेंदुलकर आगे
सचिन ने अगस्त 2008 में श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का 150वां मैच खेला था। उन्होंने तब 39 शतक लगा लिए थे, जिसमें नाबाद 248 रन उनका सर्वोच्च स्कोर रहा था। रूट ने अब तक कुल 35 शतक लगाए हैं, जिसमें 262 रन उनकी सर्वोच्च पारी रही है। अर्धशतकों के मामले में रूट आगे रहे हैं। पूर्व इंग्लिश कप्तान ने 64 अर्धशतक लगा लिए हैं, जबकि तेंदुलकर ने 49 अर्धशतक अपने नाम किए थे।
इंग्लैंड से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं रूट
रूट इंग्लैंड की ओर से सर्वाधिक और विश्व क्रिकेट में पांचवें सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उनसे आगे इस सूची में सिर्फ तेंदुलकर (15,921), रिकी पोंटिंग (13,378), जैक्स कैलिस (13,289) और राहुल द्रविड़ (13,288) हैं। इंग्लैंड के बल्लेबाजों की बात करें तो रूट के बाद एलिस्टेयर कुक हैं, जिन्होंने 161 टेस्ट की 291 पारियों में 45.35 की उम्दा औसत के साथ 12,472 रन अपने नाम किए थे।
क्या रनों के मामले में तेंदुलकर को पीछे छोड़ देंगे रूट?
रूट ने 33 साल और 337 दिन की उम्र तक टेस्ट में 12,777 रन बनाए हुए हैं और वह तेंदुलकर के मुकाबले फिलहाल 3,144 रन से पीछे हैं। रूट ने इस साल अब तक 53.70 की औसत से 1,361 रन बनाए हैं। वह अगर इस औसत से बल्लेबाजी जारी रख पाते हैं, तो अगले ढाई सालों में तेंदुलकर से आगे निकल सकते हैं। हालांकि, बढ़ती उम्र के साथ निरंतरता और फिटनेस बरकरार रखना उनके लिए चुनौती होगी।