
विराट अभी 2 साल और कप्तानी कर सकते थे- रवि शास्त्री
क्या है खबर?
दक्षिण अफ्रीका दौरे में टेस्ट सीरीज 1-2 से हारने के तुरंत बाद विराट कोहली ने खेल के सबसे बड़े प्रारुप की कप्तानी छोड़कर चौंका दिया था। इस बीच पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री का मानना है कि कोहली आराम से अगले दो साल से ज्यादा समय टेस्ट टीम की कप्तानी रखने की क्षमता रखते थे।
इसके अलावा शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना भी साधा।
आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा है।
बयान
कुछ लोग कोहली की कप्तानी की सफलता से खुश नहीं थे- शास्त्री
लेजेंड्स लीग में कमिश्नर की भूमिका निभा रहे शास्त्री ने कहा कि कुछ लोग कोहली की कप्तानी की सफलता से खुश नहीं थे।
उन्होंने इंडिया टुडे से कहा, "निश्चित रूप से वह कम से कम दो साल तक भारत का नेतृत्व कर सकते थे क्योंकि अगले दो साल भारत घर पर खेलेगा। इस बीच वह आठ से 10 टेस्ट जीत सकते थे और अपनी कप्तानी में 50-60 जीत हासिल कर लेते। बहुत से लोग इस बात को पचा नहीं पाते।"
बयान
हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए- शास्त्री
इसके अलावा भारत के विदेशों में सफलता को लेकर भी शास्त्री ने कोहली की कप्तानी की तारीफ की।
शास्त्री ने आगे कहा, "दो साल वह कप्तानी के साथ आगे बढ़ सकते थे लेकिन हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए। किसी भी अन्य देश में इस तरह का रिकॉर्ड अविश्वसनीय है। आप ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड के खिलाफ जीते और दक्षिण अफ्रीका में 1-2 से हारे लेकिन फिर भी यह बहस चल रही है कि उन्हें कप्तान होना चाहिए या नहीं।"
आंकड़े
शानदार रही है कोहली की कप्तानी
कोहली ने 68 टेस्ट में भारत की कप्तानी की है, जिसमें 40 में टीम को जीत मिली है। इसके अलावा उनकी अगुवाई में 17 टेस्ट में भारत को शिकस्त मिली है जबकि 11 मुकाबले ड्रा पर समाप्त हुए हैं।
वहीं बतौर कप्तान कोहली ने बल्लेबाजी में 113 पारियों में 54.80 की औसत से 5,864 रन बनाए हैं। इस बीच उन्होंने 20 शतक और 18 अर्धशतक भी अपने नाम किए हैं।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस (फैक्ट)
विराट कोहली सबसे ज्यादा टेस्ट (40 मैच) जीतने वाले भारतीय कप्तान हैं। बतौर कप्तान टेस्ट क्रिकेट में जीत के मामले में कोहली केवल ग्रीम स्मिथ (53), रिकी पोंटिंग (48) और स्टीव वॉ (41) से पीछे हैं।
सफर
भारतीय टेस्ट टीम के साथ ऐसा रहा कोच रवि शास्त्री का सफर
शास्त्री के कोच रहते भारत ने 42 में से 24 टेस्ट जीते और केवल 13 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस दौरान भारतीय टीम ने केवल पांच ही ड्रॉ मुकाबले खेले।
भारत में खेले 15 में से 12 मैचों में भारत ने जीत हासिल की थी और केवल एक में ही उन्हें हार मिली।
भारत के बाहर खेले मैचों की बात करें तो टीम को 26 में से 12 मैचों में जीत और 11 में हार मिली थी।