आज ही के दिन आजादी के बाद भारत ने जीता था पहला ओलंपिक गोल्ड
क्या है खबर?
12 अगस्त की तारीख भारतीय खेल प्रेमियों के लिए काफी बड़ा दिन है क्योंकि आज के दिन भारत ने ऐसी उपलब्धि हासिल की थी जो दशकों से हमें प्रेरित कर रही है।
72 साल पहले आज के ही दिन भारतीय हॉकी टीम ने ओलंपिक में भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया था।
यह जीत इसलिए बहुत बड़ी थी क्योंकि इसके बाद अंग्रेजों को उस देश के राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े होना पड़ा था जिस पर उन्होंने राज किया था।
ग्रुप स्टेज
ग्रुप स्टेज से ही शुरु हो गई थी भारतीय हॉकी की आंधी
1948 में लंदन में हुए ओलंपिक में ग्रुप A में रहने वाली भारतीय हॉकी टीम ने ग्रुप स्टेज में अपने तीनों मैच जीते और सेमीफाइनल में जगह बनाई।
उन्होंने ऑस्ट्रिया को 8-0 से पीटकर अपना अभियान दमदार तरीके से शुरु किया था और फिर अर्जेंटीना के खिलाफ उन्होंने 9-1 की बड़ी जीत हासिल की थी।
फाइनल ग्रुप स्टेज मुकाबले में स्पेन को 2-0 से हराकर भारतीय टीम ने संकेत दे दिए थे कि उन्हें रोक पाना संभव नहीं है।
जानकारी
भारत, पाकिस्तान, ग्रेट ब्रिटेन और नीदरलैंड ने बनाई सेमीफाइनल में जगह
ग्रेट ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान और नीदरलैंड की टीमों ने सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई थी। सेमीफाइनल में भारत ने नीदरलैंड को 2-1 और ब्रिटेन ने पाकिस्तान को 2-0 से हराया था। गोल्ड मेडल के लिए भारत और ग्रेट ब्रिटेन को भिड़ना था।
मैच का महत्व
दोनों देशों के लिए काफी बड़ा था यह मैच
ब्रिटेन ने लंबे समय तक भारत पर राज किया था, लेकिन तमाम वीर क्रांतिकारियों के संघर्ष के आगे उन्हें भारत छोड़कर जाना ही पड़ा।
15 अगस्त, 1947 को आजाद हुए भारत के पास एक साल बाद ही एक बार फिर अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने का मौका था।
अंग्रेजों ने कभी भारतीय हॉकी टीम का सामना नहीं किया था, लेकिन उन्हें भी पता था कि हॉकी में भारतीय टीम बेस्ट थी।
गोल्ड मेेडल
4-0 से जीत हासिल करके आजाद भारत को दिलाया पहला ओलंपिक गोल्ड
गोल्ड मेडल मुकाबले की शुरुआत से ही पता चल गया था कि दोनों ही टीमें अपना सबकुछ झोंकने को तैयार हैं।
हालांकि, भारतीय टीम ने पहले तीन मिनट में ही एक गोल दागकर दिखा दिया कि वे ब्रिटेन को मौका नहीं देने वाले हैं।
मैच खत्म हुआ तो भारत ने चार गोल दाग दिए थे और ब्रिटेन को एक भी गोल दागने का मौका नहीं मिला था।
आजाद भारत का यह पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल था।
20 सदस्यीय टीम
20 सदस्यीय टीम के केवल एक सदस्य हैं जिंदा
1948 ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के 20 सदस्यों में बलबीर सिंह सीनियर, कप्तान किशन लाल, कुंवर दिग्विजय सिंह बाबू, केशव दत्त और लेस्ली क्लाउडिस जैसे महान खिलाड़ी थे।
उन 20 में से 19 खिलाड़ी इस दुनिया को छोड़ चुके हैं और केवल केशव दत्त ही फिलहाल जिंदा हैं।
इसी साल भले ही बलबीर हमें छोड़कर गए हैं, लेकिन उन्होंने 1948, 1952 और 1956 में लगातार तीन बार ओलंपिक गोल्ड हासिल किया था।