#SportsHeroesOfIndia: सेना का यह जवान मैराथन दौड़ में लगातार बुलंद कर रहा है भारत का झंडा
भारतीय सेना की वीर गाथाएं पूरे विश्व में प्रचलित हैं। भारतीय सेना के जवान देश के लिए कुर्बानी देने को हमेशा तैयार रहते हैं। भारत की सेना ने युद्ध क्षेत्र में देश की रक्षा करने के अलावा खेल के क्षेत्र में भी लगातार देश का नाम रोशन किया है। हमारे देश काफी एथलीट सेना से आते हैं और फिर विश्व में भारत का झंडा लहराते हैं। जानें ऐसे ही एक सेना के हवलदार और शानदार एथलीट के बारे में।
बनारस में हुआ जन्म, बचपन बीता गरीबी में
राम सिंह यादव का जन्म 7 नवंबर, 1984 को उत्तर प्रदेश के बनारस में हुआ था। राम के पिता मुंबई में फल बेचने का काम करते थे। जब राम स्कूल में थे तभी से उऩके पीटी टीचर ने उनकी रनिंग पर काफी ध्यान दिया था। उनके स्कूल टीचर को लगता था कि उनमें काफी क्षमता है। बचपन से ही लोगों को लगता था कि वह रनिंग में काफी नाम कमा सकते हैं।
पैसे की कमी ने दौड़ने पर मजबूर किया
राम के मुताबिक उन्हें न तो दौड़ लगाने का शौक था और न ही ऐसा कोई जुनून, लेकिन पैसे की कमी ने उन्हें दौड़ने पर मजबूर किया। इसके अलावा उनका कहना है कि यदि पैसे की कमी नहीं होती तो शायद ही वह कभी रनिंग करते। राम के मन में सेना में जाने का भी कोई ख्याल नहीं था। हालांकि, उनके भाई ने उनका फॉर्म भरा और फिर राम ने अपनी मेहनत के दम पर आर्मी ज्वाइन की।
भारतीय सेना में हवलदार हैं राम
राम के भाई ने गांव के कुछ अन्य लोगों के साथ उनका भी रजिस्ट्रेशन करवा दिया था जिसके बाद राम भारतीय सेना में हवलदार बने। फिलहाल उनकी तैनाती हैदराबाद के तोपों के कारखाने में है।
ओलंपिक की तैयारी के चलते गर्भवती पत्नी से मिलने नहीं गए
राम सिंह ऊटी में ओलंपिक की तैयारियों में लगे हुए थे और इस दौरान उन्होंने अपनी गर्भवती पत्नी उर्मिला को फोन करके बताया कि वह घर नहीं आ पाएंगे। यहां तक कि राम ने बच्चे के जन्म होने के बाद भी घर नहीं जाने का निर्णय लिया क्योंकि वह ओलंपिक के लिए अपनी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते थे। उर्मिला भी इस बात को मान चुकी हैं कि उनके पति को भागने से काफी ज़्यादा लगाव है।
ओलंपिक मैराथन में हिस्सा लेने वाले दूसरे भारतीय एथलीट
भारत के लिए ओलंपिक में मैराथन में हिस्सा लेने वाले पहले एथलीट शिवनाथ सिंह थे जिन्होंने 1976 में पहली बार और 1980 में दूसरी और आखिरी बार ओलंपिक मैराथन में हिस्सा लिया था। 1980 के बाद ओलंपिक मैराथन के लिए क्वालीफाई करने वाले राम सिंह केवल दूसरे भारतीय एथलीट हैं। उन्होंने 2012 लंदन ओलंपिक में हिस्सा लिया था और रेस को दो घंटा छह मिनट और छह सेकेंड में खत्म किया था जिसमें वह 78वें स्थान पर थे।