ईरानी कप: शेष भारत ने मध्य प्रदेश को बड़े अंतर से हराया, बने ये रिकॉर्ड
भारत के वर्तमान घरेलू क्रिकेट चरण 2022-23 का अहम टूर्नामेंट ईरानी कप रविवार को सम्पन्न हो गया। ग्वालियर में खेले मुकाबले में शेष भारत ने इस सीजन की रणजी ट्रॉफी विजेता टीम मध्य प्रदेश को 238 रनों से हरा दिया। शेष भारत ने मध्य प्रदेश टीम को जीत के लिए 437 रनों का कठिन लक्ष्य दिया था, जिसके जवाब में वह 198 रन ही बना पाई। आइए मैच में बने रिकॉर्ड्स पर नजर डालते हैं।
ईरानी कप मैच का लेखा-जोखा
शेष भारत ने मजबूत बल्लेबाजी के दम पर शुरुआत से ही रणजी विजेता पर दबाव बनाकर रखा। शेष भारत ने पहली पारी में 484 रनों का विशाल स्कोर बनाकर अपनी ताकत दिखाई। जवाब में मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम पहली पारी में 294 रन ही बना पाई। टीम पहली पारी के आधार पर 190 रनों से पिछड़ गई और यही उसकी हार की वजह बनी। शेष भारत ने दूसरी पारी में 246 रन बनाए और 437 रनों का मुश्किल लक्ष्य दिया।
बड़े लक्ष्य के दबाव में ऐसे टूटी मध्य प्रदेश टीम
मध्य प्रदेश टीम बड़े लक्ष्य के दबाव दूसरी पारी की शुरुआत से ही बिखरी हुई नजर आई। कप्तान हिमांशु मैत्री और हर्ष गवली को छोड़कर सभी बल्लेबाजों ने अपने प्रदर्शन से निराश ही किया। टीम के 6 बल्लेबाज तो दहाई के आकंड़े तक से आगे नहीं बढ़ पाए, जिससे टीम सस्ते में निपट गई। मैत्री ने 81 गेंदों में 51 रन बनाए, वहीं हर्ष ने 107 गेंदों में 48 रन बनाते हुए काफी देर संघर्ष किया।
शेष भारत ने 29वीं बार जीता ईरानी कप का खिताब
शेष भारत की टीम ने अपने वर्चस्व को कायम रखते हुए रिकॉर्ड 29वीं बार ईरानी कप का खिताब अपने नाम किया। अन्य टीमों में से किसी ने भी शेष भारत से आधे खिताब भी नहीं जीते हैं। पिछली बार 2019-20 संस्करण में शेष भारत ने सौराष्ट्र क्रिकेट टीम को हराकर खिताब जीता था। शेष भारत के बाद मुंबई क्रिकेट टीम ने 13 बार ईरानी कप का खिताब जीता है। दोनों टीमें एक बार संयुक्त विजेता भी रह चुकी हैं।
यशस्वी जायसवाल के शानदार रिकॉर्ड के लिए याद रखा जाएगा मुकाबला
यशस्वी ने इस मुकाबले में पहली पारी में दोहरा शतक और दूसरी पारी में शतक जमाकर कई रिकॉर्ड कायम किए। यशस्वी ने एक ईरानी कप मैच में सबसे ज्यादा रन (357) बनाने वाले बल्लेबाज बनने का गौरव हासिल किया। इस मामले में उन्होंने शिखर धवन (332) का रिकॉर्ड तोड़ा। इसके अलावा यशस्वी ईरानी कप में दोहरा शतक जमाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बने। उन्होंने 21 साल और 64 दिन की उम्र में ये कमाल किया।