जानिए टेस्ट क्रिकेट में कब-कब टीमें एक ही दिन के भीतर 2 बार ऑलआउट हुई
किसी भी टेस्ट मैच में कोई भी टीम अधिकतम 2 पारियों में बल्लेबाजी कर सकती है। ऐसे में किसी भी टीम के पास पहली पारी में नाकाम होने के बाद दूसरी पारी में वापसी करने का मौका होता है। हालांकि, कुछ मौकों पर टीमें दोनों पारियों में असफल होती हैं। टेस्ट क्रिकेट के स्वर्णिम इतिहास में अब तक चुनिंदा टीमें एक ही दिन के भीतर 2 बार ऑलआउट हुई हैं। आइए उन मैचों के बारे में जानते हैं।
भारत (बनाम इंग्लैंड, 1952)
साल 1952 में मैनचेस्टर टेस्ट में इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने भारतीय क्रिकेट टीम को पारी और 207 रन से हराया था। मैच में इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी 347/9 पर घोषित की थी। विजय हजारे की कप्तानी वाली भारतीय टीम अपनी पहली पारी में 58 रन पर ढेर हुई थी। इसके बाद फॉलऑन खेलते हुए दूसरी पारी में सिर्फ 82 रन पर सिमट गई थी। मैच के तीसरे दिन के दौरान ही भारत की दोनों पारियां आउट हो गई थी।
जिम्बाब्वे (बनाम न्यूजीलैंड, 2005)
2005 में जिम्बाब्वे-न्यूजीलैंड के बीच खेला गया टेस्ट 2 दिन के भीतर समाप्त हो गया था। हरारे में हुए उस मुकाबले में कीवी टीम ने अपनी पहली पारी 452/9 पर घोषित की। इसके बाद दूसरे दिन के दौरान जिम्बाब्वे की पहली पारी 59 रन और दूसरी पारी 99 रन पर ढेर हो गई थी। न्यूजीलैंड ने पारी और 294 रन से जीत दर्ज की, जिसमें डेनियल विटोरी ने शतक (127) लगाने के बाद उम्दा गेंदबाजी (2/1 और 4/28) की थी।
जिम्बाब्वे (बनाम न्यूजीलैंड, 2012)
2012 में नेपियर टेस्ट में न्यूजीलैंड ने जिम्बाब्वे को पारी और 301 रन से हराया था। मैच में कीवी टीम ने अपनी पहली पारी 495/7 के स्कोर पर घोषित की। इसके जवाब में दूसरे दिन के दौरान जिम्बाब्वे ने अपनी दोनों पारियों में क्रमशः 51 और 143 रन के स्कोर किए थे। जिम्बाब्वे की पहली पारी में 10 बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा भी नहीं छू सके थे। मेजबान टीम से क्रिस मार्टिन ने घातक गेंदबाजी (2/5 और 6/26) की थी।
अफगानिस्तान (बनाम भारत, 2018)
2018 में भारत ने अफगानिस्तान क्रिकेट टीम को एकमात्र टेस्ट में पारी और 218 रन से हराया था। बेंगलुरु में हुए उस मुकाबले में मेजबान टीम ने शिखर धवन के शतक (107) की बदौलत 474 रन बनाए थे। जवाब में दूसरी दिन के दौरान अफगानिस्तान की पहली पारी 109 पर सिमट गई थी। इसके बाद फॉलऑन खेलते हुए अफगान टीम अपनी दूसरी पारी में 103 रन पर ढेर हुई थी। रविंद्र जडेजा ने उम्दा गेंदबाजी (2/18 और 4/17) की थी।