इन कारणों से भारतीय सीनियर खिलाड़ियों को IPL नहीं खेलना चाहिए
दुनिया की सबसे लोकप्रिय टी-20 लीग IPL के 12वें सीज़न का आगाज़ 23, मार्च 2019 से होगा। IPL के इतिहास पर नज़र डाले तो यह लीग कई खिलाड़ियों के लिए उनकी राष्ट्रीय टीम का टिकट साबित हुई है। यह टी-20 लीग सिर्फ भारतीय खिलाड़ियों के लिए ही नहीं बल्कि विदेशी खिलाड़ियों के लिए भी उनकी राष्ट्रीय टीम का टिकट साबित हो चुकी है। आज हम आपको विश्लेषण के द्वारा बताएंगे कि क्यों सीनियर खिलाड़ियों को IPL नहीं खेलना चाहिए।
इन भारतीय खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय टीम का टिकट साबित हो चुका है IPL
IPL के पिछले 11 सीज़न के इतिहास पर नज़र डालें तो कई भारतीय खिलाड़ियों को इस लीग से ही पहचान मिली है। मोहित शर्मा, उमेश यादव, मुरली विजय, राहुल शर्मा, लक्ष्मीरतन शुक्ला, अश्विन, हार्दिक-क्रुणाल जैसे खिलाड़ियों को IPL से ही पहचान मिली। आज सीनियर खिलाड़ियों की वजह से नए टैलेंट के आने में कमी हो गई है। सीनियर खिलाड़ी ही प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बने रहते हैं, जिससे जूनियर खिलाड़ियों को अपना टैलेंट दिखाने का मौका नहीं मिल पाता है।
इन विदेशी खिलाड़ियों को IPL से ही मिली थी पहचान
भारतीय ही नहीं बल्कि कई विदेशी खिलाड़ियों को भी IPL से ही पहचान मिली है। डर्क नैनस, माइकल लंब, शॉन मार्श, कीरन पोलार्ड और रियान मैकलारेन जैसे खिलाड़ियों के लिए IPL ही उनकी राष्ट्रीय टीम का टिकट साबित हुआ था।
खिलाड़ी खरीदे तो जाते हैं लेकिन उन्हें मौका नहीं मिलता
IPL में मिलने वाली मोटी कमाई के चलते भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ी ही इस लीग के अधिकांश मैच खेलते हैं। नीलामी में जूनियर खिलाड़ियों को खरीद तो लिया जाता है, लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिल पाती है। आज भारतीय टीम में बल्लेबाज़ी की बेंच तो मज़बूत है, लेकिन गेंदबाज़ी में भारत के पास बेंच मज़बूत नहीं है। कई ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ी हैं, जिन्हें इस लीग के एक मैच में भी जगह नहीं मिल पाती है।
नए टैलेंट खोजने के लिए हुई थी इस लीग की शुरूआत
इंडियन प्रीमियर लीग का आगाज़ 2008 में नए टैलेंट खोजने के लिए हुआ था, लेकिन आज इस लीग में सीनियर खिलाड़ी ही पैर जमाए हुए हैं। इस लीग के खिताब को हासिल करने के लिए कई टीमें सिर्फ राष्ट्रीय खिलाड़ियों को ही टीम में शामिल करती हैं। इसी वजह से आज यह लीग सिर्फ पैसा कमाने का साधन बन कर रह गई है। IPL के 12वें सीज़न में भी कई युवा खिलाड़ी बेंच पर बैठे दिखाई देंगे।
अन्य देश युवा खिलाड़ियों को देते हैं मौका
IPL के तर्ज पर ही कई देशों ने अपने यहां घरेलू टी-20 लीग का आयोजन किया है। ऑस्ट्रेलिया की फेमस बिग बैश टी-20 लीग में सीनियर खिलाड़ी नए टैलेंट निकालने पर ज़ोर देते हैं और खुद सलाहकार के तौर पर टीम से जुड़ते हैं। इंग्लैंड के टी-20 ब्लास्ट में भी जूनियर खिलाड़ियों को ही मौका दिया जाता है। विंडीज़ की कैरबियाई लीग भी युवा टैलेंट निकालने पर ज़ोर देती है। पाक में भी जूनियर खिलाड़ियों को ज़्यादा मौका मिलता है।
युवा खिलाड़ियों को मिलेगा अनुभव
IPL में अगर जूनियर खिलाड़ियों को टीम में ज़्यादा मौका मिलेगा, तो उन्हें प्रेशर के वक्त कैसी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी करनी है, इसे सीखने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही विश्व के अन्य खिलाड़ियों से भी उन्हें बहुत कुछ सीखने का मौका मिलेगा।
लेखक के विचार
क्रिकेट खेलने वाले सभी देशों में से BCCI खिलाड़ियों को सबसे ज़्यादा पैसा देता है, जिसका मतलब है कि खिलाड़ियों के पास पैसों की कमी नहीं रह जाती है। अन्य छोटे देश के खिलाड़ी पैसों के लिए ही टी-20 लीग में हिस्सा लेते हैं। ऐसे में भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ियों को युवा टैलेंट की खोज करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए और IPL में बतौर सलाहकार ही जुड़ना चाहिए। इससे खिलाड़ियों की फिटनेस में भी इज़ाफा होगा।