BCCI और IPL फ्रेंचाइजियों में खिलाड़ियों के वर्क लोड मैनेजमेंट पर टकराव की संभावना- रिपोर्ट
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रेंचाइजी और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच आगामी दिनों में टकराव की संभावना नजर आ रही है। खिलाड़ियों के 'वर्क लोड मैनेजमेंट' का मुद्दा इन दोनों पक्षों के बीच टकराव की वजह बन सकता है। मीडिया रिपोर्ट में एक IPL फ्रेंचाइजी की ओर से दावा किया गया है कि BCCI खिलाड़ी को आराम देने के लिए उन्हें निर्देश नहीं दे सकता। आइए पूरे मामले पर प्रकाश डालते हैं।
बोर्ड और फ्रेंचाइजी के बीच टकराव बढ़ने की संभावना
इनसाइडस्पोर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, IPL 2023 की शुरुआत से पहले अधिकांश फ्रेंचाइजी वर्क लोड मैनेजमेंट पर BCCI के बयान से अनभिज्ञ हैं। ऐसे में संभावना है कि बोर्ड जल्द ही इस संबंध में सभी फ्रेंचाइजियों के साथ मिलकर एक बैठक आयोजित कर सकता है। एक फ्रेंचाइजी ने यह कहा है कि BCCI किसी खिलाड़ी को तब तक आराम देने का निर्देश नहीं दे सकता जब तक कि वह अनफिट न हो।
BCCI ने हमें कुछ नहीं बताया है- KKR CEO
रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) वेंकी मैसूर ने कहा, "खिलाड़ियों का फ्रेंचाइजी के साथ अनुबंध होता है। इसके अलावा फ्रेंचाइजी उन फिजियो और मालिश करने वालों की भी नियुक्ति करती हैं जिन्होंने पहले राष्ट्रीय टीमों के साथ काम किया है। इसलिए BCCI के लिए घबराने की कोई बात नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "इसके बारे में कुछ भी आधिकारिक नहीं है। BCCI ने हमें अभी तक कुछ भी नहीं बताया है।"
कहां से हुई विवाद की शुरुआत और फ्रेंचाइजी को किस बात से है आपत्ति?
साल की शुरुआत में BCCI ने साल 2022 में भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन की समीक्षा और 2023 में आगामी प्रदर्शन की रणनीति तैयार करने के लिए बैठक आयोजित की थी। तब बोर्ड ने कहा था कि राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) IPL 2023 में भाग लेने वाले चयनित भारतीय खिलाड़ियों की निगरानी के लिए फ्रेंचाइजी के साथ मिलकर काम करेगी। वर्क लोड मैनेजमेंट के चलते प्रमुख खिलाड़ियों के कुछ IPL मैचों से बाहर भी रखा जा सकता है।
रणनीति के पीछे बोर्ड की मंशा क्या है?
BCCI के बयान को दो अर्थों में समझा जा सकता है। पहला भारत एक बार फिर ICC टी-20 विश्व कप 2022 में फ्लॉप हो गया और दूसरा यह कि ICC वनडे विश्व कप वर्ष (2023) होने के कारण, BCCI खिलाड़ियों के वर्क लोड मैनेजमेंट का सही प्रबंधन करना चाहता है। 50 ओवर का विश्व कप भारत में अक्टूबर-नवंबर में होना प्रस्तावित है। बोर्ड चाहता है कि सभी शॉर्टलिस्ट (20) किए गए खिलाड़ी मेगा-इवेंट के लिए तरोताजा रहें।
कई अनसुलझे पहलुओं की गुत्थी सुलझना बाकि
हालांकि लगता है कि BCCI का निर्देश IPL फ्रेंचाइजी को रास नहीं आया है। वेंकी ने इस बारे में कहा, "इसके बारे में कुछ भी आधिकारिक नहीं है। बोर्ड ने हमें कुछ नहीं बताया है। मीडिया रिपोर्टों के आधार पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।" उन्होंने आगे कहा, "फ्रेंचाइजी की मीटिंग कब होगी? इस बारे में बोर्ड की क्या रणनीति है? साथ ही बोर्ड किस प्रकार खिलाड़ियों की फिटनेस पर नजर रखना चाहता है, सभी अनसुलझे पहलू हैं।"
CA और ECB की क्या है व्यवस्था?
वैसे दिलचस्प बात ये है कि इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) की IPL फ्रेंचाइजी के साथ ऐसी ही समान व्यवस्था है। फिटनेस से संबंधित किसी भी मुद्दे को फ्रेंचाइजी द्वारा संबंधित बोर्ड को सीधे रिपोर्ट करना होता है जो खिलाड़ी की भागीदारी पर फैसला करता है। इतना ही नहीं इसमें एक मैच में और IPL में नेट सत्र के दौरान एक विशेष खिलाड़ी कितने ओवर गेंदबाजी कर सकता है, इसकी सीमा भी तय होती है।