भारत को तीन ओलंपिक गोल्ड मेडल जिताने वाले बलबीर सिंह सीनियर का निधन
आठ मई से अस्पताल में भर्ती तीन बार ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले महान भारतीय हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का आज सुबह 06:30 बजे निधन हो गया। 95 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहने वाले सिंह मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती थे। भारत को रिप्रजेंट कर चुके सबसे महान खिलाड़ियों में से एक सिंह पिछले दो सालों से फेंफड़े संबंधी रोग से जूझ रहे थे।
आठ मई से ही वेंटिलेटर पर थे बलबीर सिंह
1956 ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और 1975 हॉकी विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम के मैनेजर रहने वाले बलबीर सिंह सीनियर के कई अंग खराब हो चुके थे। आठ मई को अस्पताल में भर्ती होने के बाद से वह वेंटिलेटर पर थे। आज सुबह अपनी अंतिम सांस लेने से पहले उन्हें दो बार दिल का दौरा पड़ा था। 2018 में सिंह 108 दिनों तक PGI में भर्ती रहे थे।
पद्मश्री पाने वाले पहले भारतीय हॉकी खिलाड़ी थे बलबीर सिंह सीनियर
बलबीर सिंह पद्मश्री सम्मान हासिल करने वाले पहले भारतीय हॉकी खिलाड़ी हैं। हॉकी में उनके योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 1957 में उन्हें देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा था।
बलबीर ने भारत को दिलाए थे लगातार तीन ओलंपिक गोल्ड
1948 में लंदन में हुए ओलंपिक के फाइनल में भारत ने ग्रेट ब्रिटेन को 4-0 से हराया था जिसमें से भारत के लिए पहले दो गोल बलबीर सिंह ने किए थे। 1952 में फिनलैंड के हेल्सिंकी ओलंपिक में भारत ने गोल्ड मेडल जीता और टूर्नामेंट में भारत के 13 में से नौ गोल बलबीर ने दागे। 1956 ओलंपिक में बलबीर ने पहले मुकाबले में ही पांच गोल दागे और भारत ने लगातार तीसरा गोल्ड मेडल जीता।
विभाजन के बाद परिवार के साथ भारत आए थे बलबीर
नेशनल कॉलेज लाहौर में पढ़ते समय ही बलबीर काफी बेहतरीन हॉकी खेलते थे और फिर विभाजन के बाद उनका परिवार चंडीगढ़ चला आया। खालसा कॉलेज हॉकी टीम के कोच हरबेल सिंह ने बलबीर की प्रतिभा को पहचान लिया था। विभाजन के बाद चंडीगढ़ आने के बाद बलबीर पंजाब पुलिस में भर्ती हो गए और उनकी टीम के लिए खेलने लगे। 1941 से लेकर 1961 तक बलबीर पंजाब पुलिस हॉकी टीम के कप्तान भी रहे थे।
ओलंपिक के एक मैच में सबसे ज़्यादा गोल दागने वाले खिलाड़ी थे बलबीर
1952 ओलंपिक में नीदरलैंड के खिलाफ भारत की 6-1 की जीत में बलबीर ने पांच गोल अकेले दागे थे। एक ओलंपिक मुकाबले में सबसे ज़्यादा व्यक्तिगत गोल्स का उनका यह रिकॉर्ड अभी तक कोई खिलाड़ी तोड़ नहीं सका है।