रानी रामपाल ने जीता 'वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर' अवार्ड, जानिए कैसे यहां तक पहुंची
क्या है खबर?
बीते गुरुवार को भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल 'वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर' अवार्ड जीतने वाली पहली हॉकी खिलाड़ी बनीं।
वर्ल्ड गेम्स ने 20 दिनों तक चलने वाली वोटिंग के बाद सबसे ज़्यादा वोट हासिल करने वाली रानी को इस अवार्ड का विजेता घोषित किया।
आइए जानते हैं कैसे हरियाणा के छोटे गांव से निकलकर रानी ने हासिल किया यह प्रतिष्ठित अवार्ड और कैसा रहा है उनका अब तक का सफर।
नामांकन
25 पुरुष और महिला एथलीट्स ने कराया था नामांकन
इस अवार्ड के लिए शुरुआत में कुल 25 महिला और पुरुष एथलीट्स ने अपना नामांकन कराया था जिसे बाद में वोटों के आधार पर 10 कर दिया गया।
रानी को सबसे ज़्यादा एक लाख 99 हजार 477 वोट मिले और वह दूसरे नंबर पर रहने वाले यूक्रेन के कराटे स्टार स्टानीस्लेव होरूना (92,000) से काफी आगे रहीं।
कनाडा की पॉवरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियन रिह्या स्टिन तीसरे नंबर पर रहीं।
जानकारी
इंटरनेशनल वर्ल्ड गेम्स एसोसिएशन देता है यह अवार्ड
इंटरनेशनल वर्ल्ड गेम्स एसोसिएशन (IWGA) हर चौथे साल इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी की देखरेख में मल्टी-स्पोर्ट इवेंट वर्ल्ड गेम्स का आयोजन कराती है। IWGA ही हर साल वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर अवार्ड भी देता है।
जन्म
हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में हाथगाड़ी खींचने वाले के यहां हुआ जन्म
रानी का जन्म 4 दिसंबर, 1994 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में हुआ था। उनके पिता हाथगाड़ी खींचते थे।
6 साल की उम्र में ही उन्हें टाउन की टीम में रजिस्टर किया गया। शुरुआत में उनकी क्षमता पर सवाल खड़े किए गए, लेकिन बाद में उन्होंने सबको प्रभावित किया।
2003 में उन्होंने शाहबाद ट्रेनिंग सेंटर में गुरु द्रोणाचार्य अवार्ड जीत चुके कोच बलदेव सिंह के अंडर ट्रेनिंग लेना शुरु किया।
डेब्यू
भारत की सबसे युवा महिला हॉकी खिलाड़ी हैं रानी
रानी ने भारत के लिए 15 साल की उम्र में ही अपना डेब्यू किया और सबसे युवा भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी बनीं।
2009 में रूस में हुए चैंपियन्स चैलेंज टूर्नामेंट के फाइनल में चार गोल दागकर रानी ने भारत को विजेता बनाया।
उन्हें टूर्नामेंट का टॉप स्कोरिंग और यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अवार्ड दिया गया।
2009 में ही हुए एशिया कप में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने में भी रानी का अहम योगदान रहा था।
2010 विश्व कप
2010 विमेंस हॉकी विश्व कप में दागे सात गोल
अर्जेंटीना में हुए 2010 हॉकी विश्व में रानी ने कुल सात गोल दागे जिसकी बदौलत भारत ने वर्ल्ड विमेंस हॉकी रैंकिंग में नौवां स्थान हासिल किया।
1978 के बाद से यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन द्वारा यंग प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड के लिए नामांकित होने वाली वह इकलौती भारतीय हैं।
2010 विश्व कप में उन्हें यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अवार्ड से सम्मानित भी किया गया था।
करियर
200 से ज्यादा मुकाबले खेल चुकीं हैं रानी
2013 जूनियर विश्व कप की प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट रहने वाली अब तक भारत के लिए 200 से ज़्यादा मुकाबले खेल चुकी हैं।
उन्होंने 2013 में भारत को जूनियर विश्व कप का पहला कांस्य पदक जीतने में भी सफलता दिलाई थी।
2018 एशियन गेम्स में रानी ने भारत को अपनी कप्तानी में सिल्वर पदक जिताया।
विमेंस एशियन कप 2017 में रानी ने भारत को 2004 के बाद दूसरी बार यह खिताब जीतने में मदद की।
क्या आप जानते हैं?
अर्जुन अवार्ड और पद्मश्री हासिल कर चुकी हैं रानी
लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाली रानी को 2016 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस साल वह पद्मश्री से सम्मानित की जाने वाली भारत की चौथी महिल हॉकी खिलाड़ी बनी हैं।