भारत बनाम बांग्लादेश, पहला टेस्ट: पारी और 130 रनों से जीता भारत, जानें मैच के रिकॉर्ड्स
क्या है खबर?
भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गए पहले टेस्ट में भारत ने बांग्लादेश को पारी और 130 रनों के अंतर से हरा दिया है।
बांग्लादेश को पहली पारी में 150 रनों पर समेटने के बाद भारत ने अपनी पहली पारी 493 रनों पर घोषित की थी।
इसके बाद बांग्लादेश दूसरी पारी में भी 213 रनों पर सिमट गया और भारत ने तीसरे दिन ही टेस्ट जीत लिया।
आइये जानते हैं कि पहले टेस्ट में कौन-कौन से रिकॉर्ड्स बने और टूटे।
सबसे ज्यादा विकेट
पिछले दो साल में दूसरी पारी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने शमी
शमी ने इस मैच में पहली पारी में तीन और दूसरी पारी में चार विकेट लिए। इस तरह शमी के नाम एक खास रिकॉर्ड दर्ज हो गया।
शमी पिछले दो साल में टेस्ट की दूसरी पारी में सबसे ज्यादा (51) विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बन गए हैं।
शमी ने ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस को पीछे छोड़ यह रिकॉर्ड अपने नाम किया। दूसरे नंबर पर मौजूद कमिंस ने 48 और तीसरे नंबर पर मौजूदा कगीसो रबाडा ने 34 विकेट लिए हैं।
जानकारी
इस साल सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज़ बने शमी
शमी ने इस मैच में सात विकेट लिए। इस साल अब शमी के नाम सात टेस्ट में 31 विकेट हो गए हैं। शमी इस साल टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं।
शर्मनाक रिकॉर्ड
सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने वाले तीसरे भारतीय कप्तान बने कोहली
भारत की पहली पारी में कप्तान विराट कोहली खाता खोले बिना ही अबु जायेद की गेंद पर पगबाधा आउट हुए। इसके साथ ही कोहली पूर्व कप्तान कपिल देव के साथ संयुक्त रूप से टेस्ट में सबसे ज्यादा बार शून्य पर आउट होने वाले तीसरे भारतीय कप्तान बन गए हैं।
इस सूची में पहले नंबर पर एमएस धोनी (8) और दूसरे नंबर पर मंसूर अली खान पटौदी (7) हैं।
वहीं टेस्ट करियर में कोहली 10वीं बार शून्य पर आउट हुए हैं।
रिकॉर्ड
इस रिकॉर्ड में रविचंद्रन अश्विन ने की मुरलीधर की बराबरी
पहली पारी में एक विकेट लेते ही अश्विन ने घरेलू सरज़मीन पर सबसे तेज़ 250 विकेट लेने के मामले में मुथैया मुरलीधरन के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
अश्विन ने 42वें टेस्ट मैच में भारतीय सरज़मीन पर अपने 250 विकेट पूरे किए। मुरली ने भी 42 टेस्ट में यह कारनामा किया था।
साथ ही अश्विन घर में खेलते हुए सबसे कम मैचों में 250 विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाज़ भी बन गए।
इस मैच में अश्विन ने पांच विकेट लिए।
रिकॉर्ड
मयंक अग्रवाल ने तोड़ा सर डॉन ब्रैडमैन का बड़ा रिकॉर्ड
मयंक अग्रवाल ने भारत की पहली पारी में 243 रन बनाए। टेस्ट क्रिकेट में मयंक का यह दूसरा दोहरा शतक है।
इस तरह मयंक टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम पारी (12) में दो दोहरे शतक लगाने वाले दूसरे बल्लेबाज़ बन गए। मयंक ने सर डॉन ब्रैडमैन (13 पारी) को पीछे छोड़ यह रिकॉर्ड अपने नाम किया।
टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम पारी में दो दोहरे शतक लगाने का रिकॉर्ड भारत के विनोद कांबली (पांच पारी) के नाम है।
सबसे ज्यादा रन
इस साल टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर पहुंचे मयंक
मयंक ने 28 चौको और 8 छक्कों की मदद से 243 रनों की पारी खेली। इस तरह इस साल मयंक के नाम 10 पारियों में 740 रन हो गए।
मयंक इस साल सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ी की सूची में दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं। इस साल सबसे ज्यादा टेस्ट रन स्टीव स्मिथ (774) ने बनाए हैं।
इस साल टेस्ट में 700+ रन बनाने वाले मयंक विश्व के दूसरे और भारत के पहले बल्लेबाज़ हैं।
दोहरे शतक
पहली बार किसी टीम के बल्लेबाज़ों ने लगातार चार टेस्ट में लगाए दोहरे शतक
मयंक के दोहरा शतक लगाते ही भारतीय टीम के नाम एक बड़ा रिकॉर्ड हो गया। टेस्ट में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टीम के बल्लेबाज़ों ने लगातार चार टेस्ट में चार दोहरे शतक लगाए।
मयंक से पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में वाइज़ैग में मयंक (215), पुणे में कोहली (254*), रांची में रोहित (212) ने दोहरे शतक लगाए थे।
सहवाग के बाद एक कैलेंडर ईयर में दो दोहरे शतक लगाने वाले मयंक दूसरे भारतीय ओपनर हैं।
ट्विटर पोस्ट
एक पारी से सबसे ज्यादा टेस्ट जीतने वाले भारतीय कप्तान बने कोहली
Virat Kohli has now won more Tests by innings margin than any other Indian captain - 10 now in 52 Tests. Dhoni had 9 such wins in 60 Tests. #INDvBAN
— Rajneesh Gupta (@rgcricket) November 16, 2019
मैच का लेखा-जोखा
इस तरह भारत को मिली जीत
तीसरे दिन भारत ने बल्लेबाज़ी न करने का फैसला किया और दूसरे दिन के स्कोर 493/6 पर पारी घोषित कर दी। इस तरह पहली पारी में 343 रनों से पिछड़ी बांग्लादेश तीसरे दिन बललेबाज़ी के लिए उतरी।
दूसरी पारी में भी ईशांत और उमेश ने बांग्लादेश के सलामी बल्लेबाज़ों को जल्द ही पवेलियन भेज दिया। हालांकि, मुशफिकुर रहीम (64) ने एक छोर संभालने की कोशिश की, लेकिन उन्हें दूसरे छोर से किसी भी बल्लेबाज़ का साथ नहीं मिला।